पिंडरघाटी में पुलों की स्थिति दयनीय,कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

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नवीन चन्दोला केदारखंड एक्सप्रेस न्यूज़/ पिंडर घाटी में पिछले लंबे समय से मोटर पुलों की स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है, अभी पिछले बुधवार को थराली का मुख्य पुल क्षतिग्रस्त हो गया था, गनीमत यह रही कि प्रातः सफाई कर रहे सफाई कर्मी की नजर उस पर पड़ गई और उसके माध्यम से जानकारी जनता और सम्बंधित विभाग को मिली और वाहनों का संचालन रोक दिया गया, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। यही स्थिति अन्य पुलों की भी है,जो कभी भी हादसे में बदल सकती है, गधरों को जोड़ने वाले झूला पुलों की स्थिति और भी दयनीय है, पिण्डर नदी पर बने दो अन्य पुल भी काफी लंबे समय से दयनीय स्थिति में चल रहे है, समय रहते इन पर ध्यान नही दिया गया तो पिंडर घाटी पुनः एक बार आपदा के मुहायने पर खड़ी हो सकती है। केस न 1स्थान नारायण बगड़, ग्वालदम-कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग 109 पर बना पुल पिछले पाँच वर्षों से वैली ब्रिज के भरोसे चल रहा है, राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने इस पुल पर हमेशा ही छमता से अधिक वाहनों का गुजरना किसी भी दुर्घटना के रूप में परिवर्तन हो सकता है। केस न 2नारायणबगड़-परखाल मोटर मार्ग पर बना पुल अपने निर्माण काल से ही लोहे की प्लेटों के सहारे चल रहा है। अधिकांश प्लेट तिरछी हो चुकी है। चेतावनी का बोर्ड लोनिवि द्वारा लगाया गया है। केस न 3पिंडर नदी पर बना थराली का मुख्य पुल 2013 की आपदा में छतिग्रस्त हुआ था,रिपेयर के बाद पुनः पिछले बुधवार को ओवरलोडिंग का शिकार हुआ, और अब सिर्फ 5 टन तक के वाहनों को फिलहाल चलने की अस्थाई अनुमति हैं।केस न 4थराली- देवाल मोटर मार्ग पर सुनगाड़ गधेरे का पुल भी खतरे की जद में है, इस पर भी पिछले समय से खनन से भरे ट्रैकों ने ओवरलोडिंग की है जो कि अब वाहनों के आते जाते काफी हिल रहा है। थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा भी मानते हैं उन्होंने कहा पुलों की स्थिति खराब है,परखाल एव नारायणबगड़ का वैली ब्रिज उनकी प्राथमिकता में है। तकनीकी टीम के माध्यम से अन्य पुलों का सर्वेक्षण कराकर शासन स्तर से अविलंब सम्बंधित स्वीकृतियां कराई जाएगी।

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