हिंदी पत्रकारिता दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन, पत्रकारों की समस्याओं पर हुई ग्रहण चर्चा

Share at
संगोष्ठी में उपस्थित पत्रकार

डैस्क : केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज़

रूद्रप्रयाग। आज मंगलवार को हिंदी पत्रकारिता दिवस पर जिला सूचना कार्यालय रुद्रप्रयाग में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की बैठक जिलाध्यक्ष श्री नरेश भट्ट की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सर्व श्री रमेश पहाड़ी, श्याम लाल सुन्दरियाल, नरेश भट्ट, लक्ष्मी प्रसाद डिमरी, कुलदीप राणा आजाद, अनसूया प्रसाद मलासी, देवेंद्र चमोली आदि शामिल थे।

बैठक में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किए गए कि उत्तराखंड के प्रायः सभी पत्रकार हिंदी पत्रकारिता से ही जुड़े हुए हैं तथा पूरी प्रतिबद्धता के साथ जनता की शिकायतों व समस्याओं को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने के अलावा सरकारी विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाने कार्य कर रहे हैं। कतिपय पत्रकार विषम आर्थिक परिस्थितियों में कार्य करने के बाद बीमारी और वृद्धावस्था की स्थिति में विकट समस्याएं झेलने को विवश हैं। इस संबंध में सरकारों का ध्यान आकर्षित करने के बाद भी समुचित कार्यवाही न होने से पत्रकार निराशा और हताशा में हैं। अतः यह मांग पुरजोर ढंग से तथा सर्वसम्मति से उठाई गई कि पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षों से पत्रकारिता कर रहे लोगों को तहसील एवं विकास खंड स्तर पर मान्यता प्रदान की जाए। पत्रकारों को बीमा, चिकित्सा और वृद्धावस्था पेंशन की व्यवस्था की जाए।

सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सूचना विभाग में पंजीकृत सभी पत्रकार संगठनों के अध्यक्षों से पत्राचार कर अनुरोध किया जाए कि वे एक मंच पर आकर मुख्यमंत्री से पर्वतीय पत्रकारों की स्थिति में सुधार लाने हेतु सामूहिक रूप से दबाव बनायें। सर्वसम्मति से मांग की गई कि वृ़द्ध पत्रकारों को पेंशन स्वीकृत करने हेतु नियमावली बनाई गई है, वह नितांत पत्रकार विरोधी है और उसको अविलंब बदलकर मान्यता की अवधि पूर्व की भांति 5 वर्ष रखी जाए। वर्तमान में बड़े कारपोरेट घरानों ने श्रमजीवी पत्रकारों को वेतन आयोग की संस्तुतियों से वंचित करने के लिए उन्हें अपना कर्मचारी अथवा प्रतिनिधि घोषित न करने की कुटिल नीति अमल में लाई गई है। सरकार उससे पत्रकारों को संरक्षण प्रदान करने हेतु उचित कानूनों का निर्माण करे। साथ ही श्रमजीवी पत्रकार संगठनों द्वारा जिन पत्रकारों को 10 वर्ष तक सदस्यता प्रदान की गई है, को भी पेंशन हेतु अर्ह माना जाए।

बीमार पत्रकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने वाली नियमावली में संशोधन कर यह उपबंध डाला जाए कि जिस बीमारी का उपचार उस जनपद में उपलब्ध नहीं है, उस बीमारी को असाध्य मानकर चिकित्सा प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की जाए।

पत्रकार जगमोहन रौतेला की पत्नी के निधन तथा पत्रकार उमेश पंत की असामयिक मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मांग की गई कि उनके परिजनों को समुचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।

You may have missed