गुमशुदा बच्चों और हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है वन स्टॉप सेंटर रुद्रप्रयाग, अभी तक 16 महिलाओं और 13 बच्चों को प्रदान कर चुका है आश्रय

रूद्रप्रयाग। थाना गौरीकुंड द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचना दी गई की एक 7 वर्षीय बच्चा जो अपने को महाराष्ट्र, कोल्हापुर का बता रहा है, अपनी मां से अलग हो गया है और उसका कोई अन्य साथी वहां पर मौजूद नहीं है । चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा थाने को बोला गया कि वह बच्चे को आश्रय के लिए तुरंत रुद्रप्रयाग स्थित वन स्टॉप सेंटर में पहुंचाएं।

पुलिस द्वारा बच्चे को वन स्टॉप सेंटर में लाया गया, जहां पर बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष और चाइल्ड हेल्पलाइन के समन्वयक द्वारा बच्चे से विस्तृत पूछताछ की गई तथा उसकी मां और पिताजी के बारे में जानकारी ली गई जिसमें उसके द्वारा बताया गया कि उसका नाम राज है। वह अपनी मां और बड़े भाई के साथ केदारनाथ की यात्रा में आया था जहां पर गौरीकुंड से ऊपर जाने पर उसका हाथ अपनी मां के हाथ से छूट गया और वह भीड़ में गुम हो गया। किसी स्थानीय व्यक्ति द्वारा उसे पुलिस तक पहुंचाया गया जहां पुलिस द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन को जानकारी प्रदान की गई। उसके पश्चात समन्वयक द्वारा बच्चे के पिता को फोन कर उसकी गुमशुदगी की जानकारी दी गई और उसके पिता को तत्काल वन स्टॉप सेंटर में आने के लिए कहा गया। चार दिन वन स्टॉप सेंटर में बालक को आश्रय देने के बाद रहने के बाद थाना गौरीकुंड द्वारा वन स्टॉप सेंटर को सूचित किया गया कि उसकी मां का पता चल गया है और उसकी मां को वन स्टॉप सेंटर में भेजा जा रहा है।
देर रात तक बच्चे के माता पिता दोनों के आने के पश्चात राज को उसकी माता श्रीमती रेखा देवी और पिताजी श्री गोरख तुकाराम ग्राम बिश्रामपुर संगली महाराष्ट्र को सपुर्द किया गया है। उन्होंने वन स्टॉप सेंटर, बाल कल्याण समिति और चाइल्ड हेल्पलाइन का धन्यवाद ज्ञापित किया कि उनकी वजह से उनका बेटा सुरक्षित उन्हें वापस मिल गया।