वरिष्ठ उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी पान सिंह परिहार का अचानक निधन होने से पूरे क्षेत्र में फैल गई शोक की लहर

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 वरिष्ठ उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी पान सिंह परिहार का अचानक निधन होने से पूरे क्षेत्र में फैल गई शोक की लहर

नवीन चंदोला/केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज़

वरिष्ठ उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी पान सिंह परिहार के अचानक निधन होने से पूरी पिंडर घाटी में शोक की लहर दौड़ गई है। तमाम राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। गुरुवार को स्वर्गीय परिहार के पिंडर नदी स्थित उनके पैतृक घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

राज्य आंदोलनकारी एवं पूर्व सैनिक 86 वर्षीय पान सिंह परिहार की बुधवार को एम्स ऋषिकेश में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। पहले फौज में सेवा देने के बाद परिहार ने 1994 में उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस दौरान उन्होंने पिंडर घाटी में राज्य प्राप्ति के लिए आम जनता को जागृत करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाई थी। वे आंदोलन के दौरान दिल्ली के तिहाड़ जेल भी गए थे।

राज्य आंदोलनकारी परिहार के एम्स में आकस्मिक निधन के बाद आज तड़के उनका पार्थिव शरीर को लेकर पैनगणी गांव पहुंचे। जहां पर उनके अंतिम दर्शन के बाद पिंडर नदी स्थित उनके पैतृक घाट में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उनके कनिष्ठ पुत्र एवं पैठाणी के ग्राम प्रधान मृत्युंजय सिंह परिहार सहित अन्य दो पुत्रों ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस मौके पर पूर्व दर्जाधारी राज्य मंत्री सुशील रावत, भाजपा के थराली विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी भुपाल राम टम्टा, दलीप सिंह नेगी, अनिल नेगी आदि मौजूद थे। आंदोलनकारी ने आकस्मिक निधन पर पूर्व विधायक डॉ जीत राम,जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत, कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष विनोद रावत,महेश उनियाल, अब्बल सिंह, व्यापार संघ अध्यक्ष थराली संदीप रावत,उमेश पुरोहित, संदीप रावत, मनोज चन्दोला, विनोद चन्दोला आदि ने शोक व्यक्त किया है।

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