दुष्कर्मी शिक्षक नरेंद्र की हवालात में कटी दूसरी रात, आज जाएगा जेल
दुष्कर्मी शिक्षक नरेंद्र की हवालात में कटी दूसरी रात, आज जाएगा जेल
चमोली के गोपेश्वर में अपने ही स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिक छात्रा से छेड़छाड़ और दुष्कर्म का प्रयास करने वाले बहुरूपिये शिक्षक नरेंद्र रावत को पुलिस ने सोमवार की रात को ही उसके घर से ही गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया था।इस दौरान घटना से आक्रोशित गोपेश्वर नगर के लोगो ने आरोपी शिक्षक की धुनाई भी की।रातभर हवालात में बंद रखने के बाद आरोपी शिक्षक को मंगलवार सुबह पुलिस ने ज़िला सत्र न्यायाधीश गोपेश्वर की कोर्ट में पेश किया,जंहा कोर्ट ने पुलिस को आरोपी की एक दिन की और पुलिस रिमांड मंजूर कर दी।आरोपी शिक्षक की दूसरी रात भी गोपेश्वर थाने की हवालात में ही कटी।आज फिर आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बहुरूपिया हैं आरोपी शिक्षक….
आरोपी शिक्षक महज शिक्षक ही नही,बल्कि इसके कई अन्य अवतार भी हैं,कभी यह पत्रकार बनकर रंगदार बन जाता हैं,तो कभी एंकर, यही नही यह ये जनाब बाथरूम सिंगर भी हैं।आरोपी शिक्षक के गुणों का गुणगान लोग इसके ही फेसबुक वॉल के कॉमेंट बॉक्स में इसी की पोस्ट के नीचे कर रहे हैं।
आरोपी शिक्षक की फेसबुक पोस्ट के नीचे उसके रूपो का बखान करते लोग..
पत्रकारिता के नाम पर रंगदारी भी करता रहा हैं आरोपी,साथ मे हैं पूरा गैंग…
वैसे तो आरोपी शिक्षक गोपेश्वर के कई प्रतिष्ठित निजी विद्यालयों में बतौर अध्यापक कार्य कर चुका हैं, लेकिन अपने कुकर्मो के कारण किसी भी विद्यालय में ज्यादा समय नही टिक सका।पूर्व में इसके पढ़ाए हुए छात्रों की माने तो यह स्कूल में अपने वादन के समय पिछले दरवाजे से भागकर घंटो गुम रहते थे, जिस कारण इन्हें पिछले स्कूल प्रबंधनों के द्वारा बाहर का रास्ता दिखलाया गया।नाम न छापने की शर्त पर चमोल जनपद के जिला मुख्यालय पर कार्यरत कई अधिकारियों ने बताया कि यह इनका एक बड़ा गैंग जनपद चमोली में सक्रिय हैं, जो कि पहले छात्र संघ के नाम पर रंगदारी वसूल करते थे, लेकिन अब पत्रकार बन ब्लैकमेल कर रंगदारी भी वसूल करते हैं।अधिकारियों ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि हर वक्त जेब मे पैसा नही होता, तब यह अपना गूगल पे नंबर भेजते और उसमें ट्रांजेक्शन करने को कहते।बीते दिनों जनपद में तैनात एक वैटनरी डाक्टर और ज़िला अस्पताल गोपेश्वर में तैनात डाक्टर को भी इनकी गैंग के सदस्यों के द्वारा ब्लैकमैल कर रंगदारी करने का प्रकरण सामने आया था, लेकिन जब पीड़ित अधिकारियों ने पुलिस से शिकायत करनी चाही तो इनके गैंग ने उन पीड़ित अधिकारियों के उच्चाधिकारियो से पीड़ित अधिकारियो के ऊपर पुलिस में शिकायत न करने का दबाव बनाकर मामला रफा दफा करवा दिया।इनके कुकर्मो से श्रमजीवी पत्रकारों के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडराने भी स्वाभाविक हैं।क्योकि हर कोई अधिकारी हो या नेता वह पत्रकारों को एक ही चश्मे से देखता हैं। हालांकि ऐसे अधिकारियो को भी चाहिए कि वह अपना देखने का भी नजरिया बदले।आरोपी शिक्षक नरेंद्र के पकड़े जाने के बाद अब जनपद भर के श्रमजीवी पत्रकार संगठन से जुड़े पत्रकार एकजुट हो गए हैं,और ऐसे फर्जी पत्रकार बनकर घूम रहे पत्रकारिता के पेशे को कलंकित करने वालो के खिलाफ पुलिस में शिकायत करने का मन बना चुके हैं।ऐसे गैंगों के खिलाफ लोग भी लामबंद हो गए हैं, सोसियल मीडिया पर भी लोगो ने ऐसे लोगो पर कार्यवाही करने की मांग पुलिस से की हैं।