धनराशि के अभाव मे रुका है पाॅलिटैक्निक भवन का निर्माण कार्य
धनराशि के अभाव मे रुका है पाॅलिटैक्निक भवन का निर्माण कार्य
राजेन्द्र असवाल/केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज़
पोखरी। तकनीकी शिक्षा को लेकर पोखरी मे पाॅलिटैक्निक संस्थान की स्थापना 2012 में की गयी है। जिसमें तीन ट्रेड सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग है, सिविल में 61, मैकेनिकल में 37 व इलैक्टिकल में 42 छात्र हैं, कुल 140 छात्र तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे है और किराये के भवन पर देवर में संचालित हो रहा है।
पाॅलिटैक्निक भवन निर्माण के लिए धनराशि वर्ष 2013-14 मे 322,68 लाख स्वीकृत हुई है तथा भवन निर्माण के लिए उडामाण्डा के पारतोली में भूमि का चयन किया गया। उसके बाद साइड डेवलपमेंट का कार्य होने के बाद भवन का निर्माण शुरू हुआ, धनराशि के अभाव में वर्ष 2017 में काम बंद हो गया था। जो कि पांच वर्ष बीतने के बाद भी अधर में लटका हुआ है। बताया गया है कि धन के अभाव मे आगे का काम रुका पडा है।
भवन निर्माण का कार्य उ0प्र0 निर्माण निगम देहरादून द्वारा किया जा रहा है, और भवन का निर्माण कार्य साठ प्रतिशत तक पूरा हो गया है। शेष चालीस प्रतिशत रह गया है।बताया यह भी जा रहा है कि भवन निर्माण के लिए प्राप्त धनराशि का उपयोग हो चुका है। अवशेष कार्य के लिए गत वर्ष इस्टीमेट रिवाइज्ड कर शासन को भेजा गया है, अभी तक धनराशि की स्वीकृति नही मिली है। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता हरिश्चन्द्र खाली ने कहा कि पाॅलिटैक्निक भवन का निर्माण रुकने से जो साठ प्रतिशत काम हो रखा है, वह झाड-झंकार जमने से बंजर स्थित मे आ गया है।उत्तर प्रदेश निर्माण निगम के अधिशासी अभियन्ता अर्जुन सिंह चौहान ने जानकारी दी है , रिवाइज्ड इस्टीमेट 4 करोड का शासन मे धनराशि स्वीकृति हेतु दिया है। कि उन्होने कहा कि इस रिवाइज्ड इस्टीमेटमे साइड डेवलपमेंट, जीएसटी,पानी की व्यवस्था तथा अवशेष कार्य किए जाना सम्मलित है ।
पाॅलिटैक्निक भवन के अभाव मे तकनीकी उपकरण रखने मे असुविधा हो रही है।विभागीय भवन बन जाता तो काफी सुविधाए मिलती। वही बजट के अभाव मे पांच साल से भवन का निर्माण बंद चल रहा है। एसआर गुप्ता प्रधानाचार्य राजकीय पाॅलिटैक्निक, पोखरी नागनाथ, जिला-चमोली।