एक्सक्लूसिव : अजब-गजब हाल : रुद्रप्रयाग में नींद में कर रहे अधिकारी काम, ये किस को बना दिया जिला पंचायत सदस्य

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एक्सक्लूसिव : अजब-गजब हाल : रुद्रप्रयाग में नींद में कर रहे अधिकारी काम, ये किस को बना दिया जिला पंचायत सदस्य

कुलदीप राणा आजाद/केदारखण्ड एक्सप्रेस

रूद्रप्रयाग।  शासन द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण  अन्न योजना” के अन्तर्गत अन्नोत्सव कार्यक्रम के प्रथम चरण का शुभारंभ 11 अक्टूबर से होना है। इस निमित्त जिले के विभिन्न स्थानों पर अन्नोत्सव कार्यक्रम होना है लेकिन मुख्य विकास अधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा इस कार्यक्रम को लेकर जो आदेश जारी किया है उसमें तल्लानागपुर चोपता में  विक्रेता नीरज सिंह की दुकान पर होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लक्ष्मण सिंह बर्त्वाल को  बनाया गया है जबकि इनका पदनाम माननीय जिला पंचायत सदस्य लिखा हुआ है लेकिन हकीकत ये  है कि यह जिला पंचायत सदस्य हैं ही नहीं और चोपता वार्ड से सुनीता बर्त्वाल जिला पंचायत सदस्य हैं। ऐसे में लगता है कि अधिकारी नींद में काम कर रहे हैं। पहले आप मुख्य विकास अधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा जारी किए गए आदेश की प्रति को देखिए-


दरअसल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना  के अंतर्गत पूरे राज्य भर में 11 अक्टूबर से अन्नों उत्सव कार्यक्रम मनाया जाना है। कार्यक्रम के तहत जनपद के प्रत्येक तहसील उप तहसील ब्लॉक नगर पालिका नगर पंचायत मुख्यालयों में किसी एक उचित दुकान पर अन्नोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है जिसमें बकायदा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नोडल अधिकारी तथा पूर्ति विभाग के विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की तैनाती की गई है। जबकि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों को भी आदेश के क्रम में निमंत्रण भेजा जा चुका है लेकिन चोपता में होने वाले कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य सुनीता बर्त्वाल को निमंत्रण न देकर लक्ष्मण सिंह बर्त्वाल को मुख्य अतिथि बनाया गया है जबकि उनका पदनाम माननीय जिला पंचायत सदस्य भी लिखा हुआ है। ऐसे में साफ जाहिर हो रहा है कि अधिकारी किस तरह से जिले में कार्य कर रहे हैं जबकि इसमें महिला जनप्रतिनिधि के अधिकारों और उनके सम्मान को भी भारी ठेस पहुंच रही है। सवाल यह है कि जो व्यक्ति किसी भी  संवैधानिक पद पर है ही नहीं तो आखिर उसे क्यों मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जिला पंचायत सदस्य बना दिया गया है? हम आपको राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जीते हुए प्रत्याशियों का प्रमाण पत्र दिखाते हैं-


अब यह गलती मुख्य विकास अधिकारी ने आखिर क्यों की यह तो समझ से परे है लेकिन इससे स्पष्ट होता है कि जिले के भीतर अधिकारी किस तरह से नींद में काम कर रहे हैं। जब अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का ही पता नहीं है तो जिले के विकास को लेकर इनकी संजीदगी क्या होगी यह आसानी से समझा जा सकता है बहरहाल अधिकारी इस गलती को भले ही छोटा समझे और इसे मात्र एक भूल करार दे लेकिन इस तरह की गलतियों की पुनरावृत्ति ना हो यह अधिकारियों को भविष्य में समझना होगा।

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