चमोली मंगलम्’ अद्भुत हिमालय की ऐतिहासिक तीर्थ दर्शन यात्रा के लिए चमोली पधार रहे हैं ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज

नवीन चन्दोला/थराली चमोली।

उत्तराखण्ड के चमोली जिले में लगातार १८ दिन तक रहकर तीर्थों के दर्शन करेंगे शंकराचार्य जी महाराज।

हिमालय वो स्थान हैं जहां देवता साक्षात दर्शन देकर भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। आदिगुरु शंकराचार्य जी महाराज द्वारा स्थापित उत्तराम्नाय ज्योतिर्मठ के आचार्य ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज अपने आधिकारिक धार्मिक क्षेत्र उत्तरभारत के भ्रमण के अन्तर्गत उत्तराखण्ड भ्रमण के प्रथम चरण के लिए आ रहे हैं।

15 जून से 2 जुलाई तक उनकी ये यात्रा है । जिसके तहत चमोली जिले के लगभग सभी मन्दिरों में जाएंगे । चमोली मंगलम् के तहत पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज ऐसे स्थलों पर भी जाएंगे जहां ज्ञात इतिहास में पिछले दो शताब्दी से कोई शंकराचार्य कभी गए ही नहीं हैं जैसे नीती घाटी, मलारी, बैरासकुण्ड, अनुसूइया मन्दिर, अत्रि आश्रम, मां नंदा राज राजेश्वरी मंदिर कुरुड़, नारायण धाम मंदिर रायकोली थराली, नंदकेसरी एवं लाटू देवता मन्दिर वाण गांव आदि ये ऐसे भी मन्दिर हैं, जहां पर स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहला अवसर होगा जब ज्योतिर्मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज इन मन्दिरों के दर्शन करेंगे ।

108 से अधिक मन्दिरों के दर्शन कर चमोली मंगलम् यात्रा करेंगे शंकराचार्य जी महाराज।पूरे हिमालय में सर्वत्र देव विराजमान हैं , हर गांव, हर क्षेत्र , हर घाटी में कोई ना कोई प्रसिद्ध देव मन्दिर हैं , पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज की इच्छा है कि वे सभी मन्दिरों में दर्शन कर लोककल्याण की प्रार्थना करें साथ ही वहां निवास कर रहे आस्तिक भक्तजनों को शंकराचार्य जी महाराज के दर्शन और आशीर्वाद प्रसाद करने का मौका भी मिलेगा ।

गुरुकुल श्री बदरी नारायण संस्कृत विद्यालय रायकोली थराली के प्रबंधक नवीन जोशी एवं उत्तराखंड की प्रथम महिला कथावाचक राधिका जोशी केदारखण्डी ने बताया कि फ़रवरी 2024 में आपके द्वारा ब्रह्मचारी जी से आग्रह किया गया था कि पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज जी के चरण सनातन धर्म की ध्वजा पताका फहराने हेतु हमारे परगना बधाण पिंडर घाटी में भी पड़े। जिसे ब्रह्मचारी जी साकार करने जा रहे हैं। ज्योतिर्मठ के प्रभारी मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी जी अपने सात सदस्य दलों के साथ बीते 9 व 10 तारीख को पिंडर घाटी परगना बधाण के भ्रमण पर थे।

जिसमें उन्होंने कुरुड़ से लेकर वाण गांव तक भ्रमण कर रात्रि विश्राम गुरुकुल श्री बदरी नारायण संस्कृत विद्यालय रायकोली थराली में किया, जिसमें उन्होने बताया कि शंकराचार्य जी महाराज के “चमोली मंगलम् तीर्थ दर्शन यात्रा” की पूरी तैयारी हो गई है । शंकराचार्य महाराज के कार्यक्रम इस प्रकार हैं। कार्यक्रम विवरण महाराज के परगना बधाण पिंडर घाटी के प्रवास का विवरण 28 जून 2024, शुक्रवार (आषाढ कृष्ण सप्तमी)कर्णप्रयाग से देवाल.मां नंदा का आशीर्वाद प्राप्त कर प्रातः 7 बजे कर्णप्रयाग से प्रस्थान करते हुए 8:30 बजे कुलसारी गांव आगमन स्वागत , पूजन, आशीर्वचन, प्रसाद वितरण. 10 बजे गुरुकुल श्री बदरी नारायण संस्कृत विद्यालय रायकोली थराली में आगमन / मध्याह्न अनुष्ठान , आशीर्वचन प्रसाद वितरण. दोपहर 2:30 बजे नंदकेसरी गांव आगमन स्वागत, दर्शन, पूजन, आशीर्वचन प्रसाद वितरण सायं 4 बजे वाण गांव आगमन, स्वागत,

आशीर्वचन प्रसाद वितरण रात्रि-विश्राम- वाण गांव,29 जून 2024, शनिवार (आषाढ कृष्ण अष्टमी)वाण से नारायणबगडप्रातः 7 बजे लाटू देवता के दर्शन, पूजन 1 बजे देवाल आगमन, 2 बजे थराली आगमन, रामलीला मैदान थराली आगमन, रामकथा में आशीर्वचन कर प्रस्थान सायं 4 बजे नारायणबगड आगमन, लक्ष्मी-नारायण मन्दिर, आगमन, स्वागत, आशीर्वचन, प्रसाद वितरण के बाद रात्रि-विश्राम – फारेस्ट गेस्ट हाउस, नारायणबगड़।30 जून 2024, रविवार, (आषाढ कृष्ण नवमी)नारायणबगड से गैरसैंण10 बजे लक्ष्मीनारायण मन्दिर के दर्शन कर नारायणबगड से गैरसैंण के लिए प्रस्थान,

जिसमें उनकी इस परगना बधाण पिंडर घाटी की ऐतिहासिक यात्रा पर क्षेत्रीय जनता, जन प्रतिनिधियों में खुशी का माहौल बना हुआ है। गुरूकुल संस्कृत विद्यालय के प्रबंधक नवीन जोशी एवं राधिका जोशी ने बताया कि शंकराचार्य जी के पधारने पर अवश्य ही गुरुकुल संस्कृत विद्यालय को एक नई दिशा मिलेगी व छात्र-छात्राओं में बढ़ोतरी देखने को भी मिलेगी एवं साथ ही साथ सभी क्षेत्रीय जनता से निवेदन किया है कि आप अधिक से अधिक इस दिव्य कार्यक्रम एवं दर्शन के साक्षी बनें।

You may have missed

Share

You cannot copy content of this page