भाजपा बाहुल्य इस बूथ पर नहीं करेंगे ग्रामीण वोट, जानिए वजह

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-कुलदीप राणा आजाद/चमोली

चमोली। हर चुनाव में 80 से 90 प्रतिशत वोटिंग भाजपा के पक्ष में होने वाले बूथ पाणा ईराणी में ग्रामीण वोट नहीं करेंगे। हाल ही में सम्पन्न हुआ लोक सभा चुनाव में भी ग्रामीणों ने पूर्ण बहिष्कार किया और अब बद्रीनाथ उप चुनाव में भी ग्रामीणों ने बहिष्कार का निर्णय लिया। इसका सीधा नुकसान भाजपा को होगा। क्योंकि 2022 विधानसभा में इस बूथ पर भाजपा को सबसे अधिक मत पड़े थे।

16 साल में नहीं बना 66 मीटर पुल

दरअसल चमोली के बिरही से निजमुला घाटी को जोड़ने के लिए एक सड़क कटती है। वर्ष 2009 में निजमुला से पाणा ईरानी तक के दर्जनों गाँवों को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 31 किमी सड़क का निर्माण कार्य आरम्भ होता है। विभाग 2014 तक पाणा गाँव तक सड़क पहुँचा देता है लेकिन आज इस सड़क की स्थित इतनी खराब हो रखी है कि इस पर पैदल भी नहीं चल सकते है। इस मोटर मार्ग के किमी 20 पर 66 मीटर स्पान का एक पुल का निर्माण वीर गंगा नदी पर होना था जिसका निर्माण कार्य 2019 से आरम्भ हो गया था लेकिन वर्तमान तक 10 प्रतिशत कार्य भी नहीं हो पाया है। इस स्थान पर पूर्व में पैदल आने जाने के लिए एक झूला पुल था किन्तु पीएमजीएसवाई ने उसे भी तोड़ दिया जिससे बरसात में ग्रामीणों को 20 किमी अतिरिक्त पैदल दूरी तय करनी पड़ती है।

नेता दिखाते हैं सपने, जो हकीकत से कोसों दूर

बद्रीनाथ विधानसभा में भले ही इन दिनों नेताओं का मेला लगा हो और विकास के हँसीन सपना दिखाया जा रहा हो लेकिन बद्रीनाथ विधानसभा के कहीं गांव आज भी नेताओं की विकास के खोखले दावों की कलई खोलती हुई नजर आ रही है।

सीमांत चमोली के दूरस्थ गांव पाणा ईराणी में आजादी के इस अमृत काल में भी ग्रामीणों को चारपाईयों, डंडियों के सहारे अस्पतालों तक पहुंचना पड़ रहा है। ना सड़क है, ना स्कूलों में मास्टर और ना ही अस्पताल, जो सड़क कटी भी है उस पर पैदल चलना भी मुश्किल है। ऐसे में ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार का ऐलान महिनों पहले कर दिया था बावजूद ना तो नेता यहाँ पहुंच रहे हैं और ना ही प्रशासन की टीम ग्रामीणों को माने आ रही है।

विकास के नाम पर वोट बटोरने वाले नेताओं और सत्ता की मलाई खाने वाले नेताओं जरा ध्यान से देखो अपने विकास के मॉडल को, तुम्हारा विकास तुम्हारी ऐशी के कमरों, हवाई दौरो और लग्जरी गाड़ियों से बाहर नहीं निकल रहा है।।

अरे एक नहीं दो नहीं तीन नहीं हर बार तुमने हमें छला है। विकास के नाम पर वोट बोटोरी है, हमने देखा है चुनाव के वक्त तुम्हारा खूब मेला लगता है। नेता मंत्री मुख्यमंत्री संतरी खूब आते हैं। सड़क देंगे, शिक्षा देंगे, स्वास्थ्य सुविधाओं की बहार आएगी, लेकिन हमारे वोट लूटने के बाद तुम्हें सत्ता मिलती है, सिंहासन मिलता है, गाडी बंगला नौकर चाकर, कमीशन मिलता है, मोटी तनख्वाह और पेंशन मिलती है। लेकिन तुम कभी पलट कर 5 साल तक नहीं देखते हैं।

पाणा ईराणी के ग्रामीण आज भी कहीं मील दूर पैदल दूरी तय करते हैं। सड़क और पुल के लिए न जाने कितने आंदोलन किये, विधायक सांसद और मुख्यमंत्री तक गुहार लगा दी। बीमार गर्भवती और बुजुर्गों को अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए कुर्सी डंडियों का सहारा लेते हैं कही बार कहीं लोग रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। लेकिन ग्रामीणों को पूछने वाला कोई नहीं है।। आजकल तमाम दलों के नेता फिर ग्रामीणों के द्वारा वोट मांगने पहुंच रहे हैं और फिर से वही झूठे, कोरे सपने दिखाए जा रहे हैं। लेकिन इस बार ग्रामीणों ने मन बना लिया है कि वह इन झूठे राजनीतिक दलों को सबक सिखाएंगे। उन्होंने कहा इस चुनाव में वोट का पूर्ण बहिष्कार होगा।

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