स्थानीय उत्पादों से महिलाएं तैयार कर रही हर्बल साबुन व सैम्पू

कुलदीप राणा आजाद। रूद्रप्रयाग के तिलवाड़ा और उसके आसपास की महिलाओं द्वारा स्थानीय उत्पादों से हर्बल साबुन व सैम्पू बनाया जा रहा है, जिसे लोग खूब पंसद कर रहे हैं। महिलाओं द्वारा भीमल, एलोवेरा, गुलाब, नींम, हल्दी आदि से हर्बल साबुन व सैम्पू का उत्पादन किया जा रहा है, जिसे हिमतरू और हरियाली ब्रांड के नाम से रूद्रप्रयाग जिले के स्थानीय बाजारो़ं से लेकर घनस्याली, उत्तरकाशी आदि जगहों पर बेचा जा रहा हैं। आने वाले यात्रा काल में इसे यात्रा मार्गों एवं होटलों हैं भी बेचने की योजना है।

इस स्वरोजगार से जुड़ी महिला ममता रौतेला, आशा पंवार, कविता रौतेला, श्वेता नौटियाल आदि महिलाओं ने कहा कि उन्होंने पिछले वर्ष 2024 में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) रूद्रप्रयाग से हर्बल साबुन सैम्पू बनाने का प्रशिक्षण लिया। जिसके बाद सभी महिलाओं ने इसे व्यवहार में उतार दिया और इसे रोजगार का जरिया बनाया जा रहा है।
आरसेटी के मास्टर ट्रेनर वीरेंद्र बर्त्वाल ने कहा तिलवाड़ा और आसपास के गाँवों की महिलाओं को हर्बल साबुन सैम्पू बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था जिसके बाद महिलाओं ने हर्बल साबुन सैम्पू तैयार कर बेहतरीन पैकेजिंग के साथ बाजार में उतारा है। कैमिकल का प्रयोग न करते हुए हर्बल साबुन सैम्पू का एक बड़ा बाजार चार धाम यात्रा मार्ग भी है जहाँ इस यात्रा सीजन में यही साबुन और सैम्पू को बेचा जायेगा।

पहाड़ों में लगन मेहनत और ईमानदारी से कार्य किया जाए तो यहां रोजगार की कमी नहीं है महिलाओं द्वारा केमिकल का प्रयोग ना करते हुए हर्बल साबुन सैम्पू तैयार किया जा रहे हैं। जिसका एक बड़ा बाजार चार धाम यात्रा मार्ग पर भी है। निश्चित रूप से महिलाओं की यह दृढ़ इच्छा शक्ति और संकल्प अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगा।