“चमोली मंगलम” यात्रा के अन्तर्गत उत्तर भारत के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज पहुंचे थराली
नवीन चन्दोला/थराली/ चमोली।
आज शुक्रवार को उत्तर भारत के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज सुबह लगभग साढ़े नौ बजे काली मंदिर कुलसारी,और उसके बाद लगभग ग्यारह बजे रायकोली गांव थराली के सभी भक्तजनों को दर्शन व आशीर्वाद देने हेतु अपने शिष्यों के साथ पहुंचे, जहां भक्तों ने पुष्प वर्षा कर उनका भव्य स्वागत किया।
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने अपने वक्तव्य में कहा कि वह जन चेतना और प्रदेश वासियों की सुख, शान्ति समृद्धि की कामनाओं के साथ 108 मन्दिरों के दर्शन और आम नागरिकों तक पहुँचने का प्रयास कर रहे है, वहीं उन्होंने सरकारों द्वारा धार्मिक मान्यताओं का सरकारीकरण किए जाने पर दुःख प्रकट किया, उन्होंने कहा कि चमोली का नाम शास्त्रों के अनुसार चन्द्रमाेली है, जो भगवान का साक्षात स्वरूप है।
इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है, कि विश्व की कल्याण की बात करने से पहले भगवान विष्णु की धरती चमोली से की जाए।इस अवसर पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने एक नारा दिया- नगर,ग्राम,घर, जंगलम।भवत चमोली मंगलम।। गुरुकुल बद्रीनारायण संस्कृत विद्यालय रायकोली के प्रबंधक नवीन जोशी ने अपने वक्तव्य में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज जी के समक्ष गुरुकुल बद्रीनारायण संस्कृत विद्यालय रायकोली को गोद लेने का आग्रह किया,
जिससे संस्कृत भाषा का अस्तित्व बना रहे और आधुनिकता के साथ -साथ हमारी पौराणिक संस्कृति, भाषा बची रहे, जिसमें शंकराचार्य द्वारा सहमति प्रदान की गई, उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सोच- विचार कर विद्यालय को अवश्य गोद लिया जाएगा और विद्यालय का उच्चीकरण भी किया जाएगा।
इस अवसर पर शंकराचार्य अविमूक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के साथ ब्रह्मचारी मुकुदानंद महाराज, पूर्व धर्माधिकारी जगदम्बा सती,अपर धर्माधिकारी कुशला नंद बहुगुणा,धार्मिक केन्द्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ,अखिलेश डिमरी, प्रवीण नोटियाल, अभिषेक बहुगुणा, आदि चल रहे हैं।
इस अवसर पर कुलसारी मंदिर समिति के अध्यक्ष गजपाल सिंह भंडारी, ग्राम प्रधान मनीष सती, व्यापार संघ अध्यक्ष महिपाल सिंह भंडारी, खिलाफ सिंह बिष्ट, गोविंद सिंह भंडारी, सुजान सिंह बिष्ट, आशुतोष डिमरी, खिलाफ सिंह बिष्ट, राधिका जोशी केदारखंडी, शौर्य प्रताप सिंह, प्रेम बुटोला, विनोद रावत, राजेन्द्र सिंह रावत, आदि लोग उपस्थित रहे।