रुद्रप्रयाग के चुनावी महाभारत में अर्जून का अहम रोल

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 रुद्रप्रयाग के चुनावी महाभारत में अर्जून का अहम रोल




पूर्व मुख्यमंत्री और चुनाव कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष हरीश रावत की खास आदमियों में अर्जुन सिंह गहरवार को गिना जाता है गणेश गोदियाल से भी मधुर रिश्ते हैं अर्जुन सिंह गहरवार के


रुद्रप्रयाग- प्रदेश में  आदर्आश चार संहिता लागू होंने के बाद राजनीतिक दलों में घमासान मचा हुआ है..वहीं बात करें जनपद रुद्रपरयाग विधानसभा की तो यहां भाजपा कांग्रेस में टिकटों को लेकर जबरदस्त घमासान है वहीं बात करें कांग्रेस पार्टी की तो यहां प्रत्याशियों की लंबी फेहरिस्त है… इसमें सबसे पहले नाम आता है पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंड़ारी जो पांच बार रुद्रप्रयाग विधानसभा से विधायक रहे और जनता के बीच इनकी एक लोकप्रीय छवि है और लगातार विगत 5 वर्षों से रुद्रप्रयाग क्षेत्र में क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं आपको बता दें कि मातबर सिंह कंडारी को 2012 में भाजपा के कद्दावर नेता कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के हाथों हार का सामना करना पड़ा वहीं मातबर सिंह कंडारी की इस हार में और हरक सिंह रावत की इस जीत में यदि सबसे बड़ा अहम रोल रहा तो उस समय रक्षा मोर्चा के रुद्रप्रयाग जनपद के प्रत्याशी अर्जुन सिंह गहरवार ने बड़ी भूमिका निभाई है ।

  और अर्जुन सिंह गहरवार रक्षा मोर्चा के टिकट पर 7हजार से अधिक मत प्राप्त कर तीसरे नंबर पर रहे थे।वहीं टिकट के दावेदारों में दूसरा नाम सुश्री लक्ष्मी राणा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग लक्ष्मी राणा जखोली ब्लॉक की जनता और खासकर महिला वोटरों पर जबरदस्त पकड़ है और लगातार क्षेत्रों में सक्रिय हैं और साथ ही दिल्ली हाईकमान से लेकर लेकर प्रदेश कांग्रेस में भी जबरदस्त पकड़ हैं इसलिए लक्ष्मी राणा को भी टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है। रुद्रप्रयाग विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में तीसरा नाम तेजी से उभर रहा है वह है वीरेंद्र बुटोला पूर्व कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व प्रदेश महामंत्री कांग्रेस पार्टी वीरेंद्र बुटोला की कांग्रेस दिल्ली हाई कमान से लेकर प्रदेश के दिग्गज नेताओं में जबरदस्त पकड़ है और लोगों के बीच एक लोकप्रिय छवि है।

चौथा नाम जो तेजी से उभर रहा है हुआ है अंकुर रौथाण अंकुर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं और हरीश रावत के बड़े करीबी माने जाते हैं इसलिए वह भी टिकट के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।

और पांचवा नाम प्रदीप थपलियाल भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं आपको बता दें प्रदीप थपलियाल को 2017 में टिकट नहीं मिला तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ कर कांग्रेस प्रत्याशी को हराने में बड़ी भूमिका निभाई है। और 5800 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे। और वर्तमान में जखोली ब्लॉक प्रमुख हैं। लेकिन अब अर्जुन गहरवार के रण में प्रवेश करने के बाद प्रत्याशियों की धड़कन बढने शुरू हो गई। क्योंकि 2022 के रण में अर्जुन गहरवार की बड़ी भूमिका रहेगी और जीत उसी की होगी जिसको अर्जुन का साथ मिलेगा …आपको बता दें 2017 मैं कांग्रेस का कैडर वोट 9000 था लेकिन 2017 में  के बाद कांग्रेस की प्रत्याशी लक्ष्मी राणा को 15000 वोट मिले वही आज कांग्रेस नेता अर्जुन गहरवार ने एक बार फिर हरीश रावत से मुलाकात की और रुद्रप्रयाग विधानसभा से टिकट की मांग की वहीं गहरवार ने बताया कि हरीश रावत ने टिकट देने का पूरा आश्वासन दिया और यदि टिकट न मिले तो अर्जुन गहरवार के कहने पर प्रत्याशी को टिकट मिलेगा। आपको बता दें 2012 में उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार बनाने में अर्जुन गहरवार की भी बड़ी भूमिका रही । क्योंकि एक सीट से ही कांग्रेस की सरकार बनी है और वह महत्वपूर्ण सीट थी रुद्रप्रयाग डॉ हरक सिंह रावत की और हरक सिंह रावत अर्जुन गहरवार के बदौलत ही चुनाव जीत पाए। विगत 5 वर्षों में अर्जुन गहरवार सक्रिय ना दिखे हो लेकिन कांग्रेस पार्टी में जबरदस्त पैठ बनाई । वहीं कांग्रेस इस समय कॉन्ग्रेस किसी भी सीट को हाथ से नहीं जाना देना चाहती है लेकिन यह तो निश्चित हो गया 2022 में अर्जुन को जिस का साथ मिलेगा वही विधायक की कुर्सी पर विराजमान होगा लेकिन अब देखना होगा अर्जुन का बाण इस बार किसको घायल करता है। वही बता दें कि विगत दिनों दामिनी सरकार ने जखोली ब्लॉक का नाम राणा सत्ते सिंह किया था लेकिन अर्जुन गहरवार के समर्थन में जनता के आंदोलन के बाद सरकार ने पुनः अपना फैसला वापस लिया जो अर्जुन गहरवार की बड़ी जीत मानी गई।

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