भाजपा कांग्रेस में जाकर नेता नहीं बनना था मुझे, मैं जनता का सेवक बनना चाहता हूं : कुलदीप रावत

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भाजपा कांग्रेस में जाकर नेता नहीं बनना था मुझे, मैं जनता का सेवक बनना चाहता हूं : कुलदीप रावत


डैस्क : केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज़

रूद्रप्रयाग। केदारनाथ विधानसभा में 2017 के चुनावों में भाजपा को पछाड़ कर दूसरे स्थान प्राप्त करने वाले  कुलदीप रावत ने इस बार भी चुनावी बिगुल बजा दिया है। पिछले दिनों तलानागपुर के चॉदधार चोपता, अगस्त्यमुनि उखीमठ में उन्होंने ताबड़तोड़ चुनावी जनसभा को कर भाजपा-कांग्रेस में खलबली मचा दी। कुलदीप रावत ने कहा भाजपा कांग्रेस द्वारा कहीं बार पार्टी में शामिल होने का प्रलोभन दिया गया लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय पार्टियां ज्वाइन नहीं की है। उनका कहना है कि भाजपा कांग्रेस में शामिल होकर उन्हें नेता नहीं बनना है वह तो जनता का सेवक बनना चाहते हैं लोग उन्हें अपना आशीर्वाद दें। 

केदारनाथ विधानसभा में प्रत्याशियों  ने 2022 फतह को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है  24 दिसम्बर को जहां अगस्तमुनि में भाजपा की एक विशाल जनसभा के जरिये चुनाव का बिगुल बजाया गया था तो वही भाजपा के जवाब में 25 दिसम्बर को निर्दलीय उम्मीदवार कुलदीप रावत ने भारी जन सैलाब के बीच चुनावी ताल ठोक दी है। उनके समर्थन में आए ग्रामीण अंचलों से लोगों ने एक स्वर में आपकी बार कुलदीप रावत का नारा देकर उनको समर्थन दिया है।  जबकि उखीमठ में भी बड़ी संख्या में लोग कुलदीप रावत के समर्थन में आये थे। 

कोरोना काल में हजारों परिवार तक पहुँचाई राशन


दरअसल 2017 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर कुलदीप रावत दूसरे स्थान पर रहकर सबको चौंका दिया था  और जीत के आंकड़े से वह कुछ ही वोट पीछे रहे थे हारने के बावजूद भी कुलदीप रावत ने केदारघाटी में अपना जनसंपर्क को छोड़ा नहीं और वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में उन्होंने हजारों परिवारों तक राशन पहुंचाई। जिस दौर में लोग एक दूसरे से मिलने में कतरा रहे थे और अपने अपने घरों में कैद थे उस दौर में कुलदीप रावत और उनकी टीम ने कोरोना की परवाह किये बगैर उन जरूरतमंद लोगों के घर घर जाकर राशन बांटी। यही कारण है कि आज लोग उन्हें अपना समर्थन दे रहे हैं। 

दो हजार से अधिक निर्धन कन्याओं की करवाई शादी

कुलदीप रावत ने केदार घाटी में दो हजार से अधिक ऐसे निर्धन परिवारों की कन्याओं की शादी करवाई जो आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर थे। जब की घाटी की सैकड़ों लोगों की इलाज में मदद की है। कुलदीप रावत की इस दरियादिली के लोग कायल हो गये। भले लोगों को यह चुनावी मकसद लग रहा हो, लेकिन लोगों का भला हो रहा है इसमें कोई संदेह नहीं है। 

इस बार भी बड़ी संख्या में केदारनाथ विधानसभा से लोग उनके समर्थन में नजर आ रहे हैं। कुलदीप रावत दावा  है कि 2022 में अगर जनता उनका साथ देती है तो वह केदारघाटी में व्यापक पैमाने पर उद्योग स्थापित कर हजारों युवाओं के हाथों में रोजगार देंगे। जबकि 2013 की त्रासदी और 2020-21 की वैश्विक महामारी कोविड-19 से प्रभावित लोगों को उभारने का भी कार्य करेंगे। अब देखना होगा कि पिछले विधानसभा चुनाव में कुछ ही वोटों से पीछे रहे कुलदीप रावत के दावों को  लोग अपने सिर आंखों में बिठाती हैं या नहीं।

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