सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बल के अन्य अधिकारियों के निधन होने पर उत्तराखंड में तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित
सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बल के अन्य अधिकारियों के निधन होने पर उत्तराखंड में तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित
डैस्क : केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज़
देहरादून। सीडीएस जनरल बिपिन रावत का बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। इस पर उनके गृह राज्य उत्तराखंड में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभिनव कुमार ने बताया कि आज तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बल के अन्य अधिकारियों का निधन होने पर उत्तराखंड में तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया गया है।
प्रभारी सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सुमन ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक, तीन दिन राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। तीन दिन शासकीय मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नौ दिसंबर से 11 दिसंबर तक राजकीय शोक घोषित करने के निर्देश दिए हैं।
जनरल बिपिन रावत के निधन पर भावुक हुए मुख्यमंत्री धामी
दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत व अन्य अधिकारियों की आकस्मिक मृत्यु पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भावुक संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि एक सैनिक पुत्र होने के नाते वह समझ सकते हैं कि जनरल रावत और अन्य अफसरों के परिवारों के सदस्यों पर क्या बीत रही होगी।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। कहा कि यह हमारे लिए बहुत बड़ा दुख है। एक सैनिक पुत्र होने के नाते वे हमेशा मेरा मार्गदर्शन करते थे। कहा कि मुझे, मेरे पिताजी की रेजीमेंट में उनके साथ जाना था पर नियति को कुछ और मंजूर था। देश की सुरक्षा के लिए जनरल रावत ने महान योगदान दिया। देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिए गए साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाए रखने के लिए उनके द्वारा दिए गए योगदान को देश सदैव याद रखेगा।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत की परवरिश उत्तराखंड के छोटे से गांव में हुई। वह अपनी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रम तथा अदम्य साहस एवं शौर्य के बल पर सेना के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए तथा देश की सुरक्षा व्यवस्थाओं एवं भारतीय सेना को नई दिशा दी। उनके आकस्मिक निधन से उत्तराखंड को भी बड़ी क्षति हुई है। हम सबको अपने इस महान सपूत पर सदैव गर्व रहेगा।
सीडीएस रावत के निधन पर राज्यपाल ने जताया शोक
राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि) ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी धर्मपत्नी मधुलिका रावत के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने दिवंगत आत्माओं की शांति और परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की है। अपने शोक संदेश में राज्यपाल ने कहा कि देश के प्रथम रक्षा प्रमुख, उत्तराखंड के वीर सपूत जनरल बिपिन रावत देश का गौरव थे।
आज राष्ट्र ने एक बहादुर बेटा खोया है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने चार दशकों तक मातृभूमि की रक्षा में निस्वार्थ सेवा की। उन्हें सदैव असाधारण वीरता और साहस के लिए याद किया जाएगा। राज्यपाल ने इस दुर्घटना में अन्य सैन्य अफसरों के निधन पर भी शोक व्यक्त किया है। साथ ही राज्यपाल ने ग्रुप कैप्टन वरुण के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
द्वारीखाल ब्लॉक के सैंण गांव के मूल निवासी थे रावत
सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड से ताल्लुक रखते थे। रावत पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक के सैंण गांव के मूल निवासी थे। उनकी पत्नी उत्तरकाशी जिले से हैं। देहरादून में जनरल बिपिन रावत का घर भी बन रहा था। जनरल बिपिन रावत थलसेना के प्रमुख रहे। रिटायरमेंट से एक दिन पहले बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाया गया था।
इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवीं बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने देहरादून में कैंब्रियन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से शिक्षा ली। आईएमए में उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्वोर्ड ऑफ ऑनर सम्मान से भी नवाजा गया था। परिवार वालों का कहना है कि उनके परिवार में सभी बच्चों के सामने जनरल बिपिन और उनके पिता का उदाहरण पेश किया जाता था।