रूद्रप्रयाग बाजार में क्या अतिक्रमण करने के लिए तोडा गया शौचालय?
रूद्रप्रयाग बाजार में क्या अतिक्रमण करने के लिए तोडा गया शौचालय?
–कुलदीप राणा आजाद/केदारखण्ड एक्सप्रेस
रुद्रप्रयाग। मुख्यालय में स्थानीय व्यक्तियों द्वारा नगरपालिका का शौचालय (सरकारी संपत्ति) को तोड़ने को लेकर एक माह बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है, जबकि दूसरी तरफ शौचालय के ना होने से व्यापारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इस मामले में नगर पालिका की ओर से कोई खास दिलचस्पी नहीं देखी जा रही है। जबकि नगर पालिका की शिकायत पर अब तक शौचालय तोड़ने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
जनपद मुख्यालय में नगर पालिका द्वारा निर्मित 25 साल पुराने शौचालय को स्थानीय व्यक्तियों द्वारा तोडे जाने के मामलें में भले ही पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट प्रशासन को सौंपा दिया हो और फिर एक माह से वह जांच ठंडे बस्ते में चली गई हो लेकिन ऐसा लगता है नगर पालिका और प्रशासन उक्त जगह पर अतिक्रमण होने का इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि सूत्रों से यह खबर सामने आ रही है कि शौचालय को तोड़ने के पीछे का मकसद वहां अतिक्रमण करना था और अगर ऐसा नहीं था तो फिर बिना किसी अनुमति के स्थानीय लोगों द्वारा सरकारी सम्पति को कैसे तोड़ लिया गया?
केदारखंड एक्सप्रेस के पास उक्त शौचालय को तोड़ने वाले व्यक्तियों की वीडियो मौजूद हैं और उस वीडियो से साफ पता चलता है कि यह शौचालय स्थानीय लोगों द्वारा तोड़ा गया है जबकि इसे तोड़ने के किसी भी स्तर पर कोई आदेश नहीं हुए थे हालांकि नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी सीमा रावत के मुताबिक शौचालय के कुछ हिस्से की ऑल वेदर सड़क में कटिंग होनी थी। लेकिन सवाल यह है की ऑल वेदर का निर्माण और कटिंग का कार्य करें 1 वर्ष पूर्व यहां किया गया यह शौचालय ऑल वेदर की कटिंग में एक अंश भी नहीं काटा गया। जबकि शौचालय ध्वस्त बीते 1 नवंबर यानी कि 1 माह पूर्व किया गया। नगर पालिका द्वारा स्वयं शौचालय तोड़ने वालों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी गई। इससे साफ जाहिर होता है कि आखिर शौचालय तोड़ने के पीछे मंशा क्या है? वही नगर पालिका द्वारा दिए गए बयान भी संदेह के घेरे में नजर आ रहे हैं। क्या यह मान लिया जाए यह सब कुछ नगरपालिका के सह पर हो रहा है अगर नहीं तो फिर नगर पालिका शौचालय तोड़ने वालों के पक्ष में खड़ी होती नजर क्यों आ रही है?
क्या कहते हैं जाँचकर्ता-
शिकायत मिलने के बाद दोनो पक्षों को बुलाया गया। शौचालय तोड़ने वाले व्यक्ति का कहना था कि शौचालय की दुर्गन्ध उनके घर तक पहुँचती है जिस कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता। इसलिए उनके द्वारा शौचालय तोड़ा गया। जांच रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी गई है। -जयपाल नेगी कोतवाल रूद्रप्रयाग
उधर इस वार्ड के सभासद अंकुर खन्ना से इस विषय में पूछा गया तो वे कुछ भी कहने से कतरा रहे थे। ऐसे में शौचालय तोडने के पीछे की मंशा स्पष्ट होती है। दरअसल ये पूरा जांच का विषय है कि आखिर सरकारी जमीन हडपने की कोई साजिश तो नहीं की जा रही है।