उक्रांद का वनवास खत्म करे जनता: मोहित डिमरी
उक्रांद का वनवास खत्म करे जनता: मोहित डिमरी
तुनेटा भरदार में सूर्पनखा लीला देखने उमड़े लोग
रुद्रप्रयाग। रामलीला कमेटी तुनेटा भरदार की ओर से रामलीला में सूर्पनखा की नाक काटने का मंचन हुआ। इस मौके पर सूर्पनखा के रूप में अभिनय कर रहे मवाणगांव के अनूप रावत ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि उत्तराखंड में रामराज्य स्थापित होने से ही राज्य का विकास हो सकता है। उत्तराखण्ड क्रांति दल ने रामराज्य स्थापित करने का संकल्प लिया है। भगवान राम के रामराज्य में जनता सुखी थी, लेकिन आज जनता दुखी है। हम ऐसा रामराज्य स्थापित करना चाहते हैं, जहां जनता को अच्छी सड़कें, पेयजल, स्वास्थ्य सेवाएं, स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल का 21 वर्ष का वनवास हो गया है। इस बार जनता को रामराज्य स्थापित कर उक्रांद का वनवास खत्म करना चाहिए।
किया
इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य श्रीमती ज्योति देवी ने कहा कि हमें भगवान राम के आदर्शों पर चलना है। मानवजाति का कल्याण तभी संभव है, जब हम श्रीराम के पदचिन्हों पर चलेंगे।
वहीं मंचन के दौरान नाक काटे जाने के बाद सूर्पनखा रावण दरबार में पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाती है। यह सुनकर रावण आगबबूला हो जाता है और सीता हरण की योजना बनाता है। पहले दृश्य में पंचवटी में बैठे भगवान राम, लक्ष्मण और सीता को देखकर राम पर मोहित होकर सूर्पनखा उनसे शादी का प्रस्ताव रखती है। सच्चाई से वाकिफ राम प्रस्ताव को ठुकराकर लक्ष्मण के सामने प्रस्ताव रखने की बात कहते हैं। लक्ष्मण को शादी करने के लिए कहने पर लक्ष्मण भाई की आज्ञा के बिना शादी न करने की बात कहते हैं। एक बार फिर सूर्पनखा राम के पास जाती है, तो वही जबाव मिलता है।
इस पर गुस्साई सूर्पनखा सीता को बुरा भला कहती है और लक्ष्मण के पास जाकर राम को काले रंग का कहकर लक्ष्मण को रिझाने का प्रयास करती है। भाई के लिए अपशब्द सुनने पर लक्ष्मण कटार निकालकर सूर्पनखा के नाक-कान काट देते हैं। इस दृश्य पर दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से श्रीराम का जयघोष किया।
इस मौके पर रामलीला कमेटी के अध्यक्ष रामचंद्र पंवार, उपाध्यक्ष महावीर बंगारी, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता भारत बंगारी, डायरेक्टर राजेन्द्र पंवार, दिगपाल नेगी, धनराज बंगारी, दीपराज बंगारी, संजय बंगारी, देवी प्रसाद भट्ट, भास्कर नौटियाल, प्रधान प्रेम लाल, अनिल डंगवाल, सूर्य प्रकाश नौटियाल सहित कई लोग मौजूद थे।