रूद्रप्रयाग तहसील प्रशासन की लापरवाही के कारण युवाओं का भविष्य दांव पर

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  रूद्रप्रयाग तहसील प्रशासन की लापरवाही के कारण युवाओं का भविष्य दांव पर


कुलदीप राणा आजाद

रूद्रप्रयाग। तहसील प्रशासन रूद्रप्रयाग की गैरमिम्मेदाराना रवैया और लापरवाही के कारण युवाओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। अग्निवीर बनने जा रहे युवाओं ने एक एक माह पहले तहसील में चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था किन्तु चरित्र प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है। ऐसे में भूखे-प्यासे सैकड़ों युवाओं की भीड़ चरित्र पत्र पाने के लिए तहसील रूद्रप्रयाग आज सुबह से लगी है। दर्जनों चक्कर लगाने के बाद युवाओं को नहीं मिल रहा है चरित्र प्रमाण पत्र। जबकि उपजिलाधिकारी अर्पणा ढौंडियाल न केवल जिम्मेदारियों से भागती हुई नजर आ रही है बल्कि मीडिया के साथ भी अभद्रता से पेश आ रही हैं। 

विदित हो कि 22 अगस्त को अग्निवीर की भर्ती कोटद्वार में होनी है। अग्निवीर बनने की चाह रखने वाले सैकड़ों युवाओं द्वारा एक-एक माह पूर्व चरित्र प्रमाण पत्र बनाने के लिए रूद्रप्रयाग तहसील में आवेदन किया था। लेकिन तहसील प्रशासन द्वारा युवाओं के चरित्र प्रमाण पत्र बहुत धीमी गति से बनाये जा रहे हैं। कुछ युवाओं द्वारा अगस्त 1 और दो तारीख में आवेदन किया गया था जिन्हें 16 अगस्त यानि की आज बुलाया गया था किन्तु उन युवाओं के भी अब तक नहीं बनाये गये हैं जबकि कई युवाओं का आरोप था कि 8 अगस्त को आवेदन करने वाले कुछ युवाओं का बनाया गया है जबकि 21 जुलाई और 1 अगस्त वाले युवाओं के अब तक नहीं बने हैं। युवाओं का कहना है कि 22 अगस्त को कोटद्वार में भर्ती होनी है और 20 अगस्त को वे कोटद्वार के लिए रवाना होंगे ऐसे में उनके पास मात्र तीन दिन का समय बचा हुआ है किन्तु उनका चरित्र प्रमाण न बनने से वे इस भर्ती प्रक्रिया से वंचित रह जायेंगे। 

दूसरी तरफ सैकड़ों युवाओं के चरित्र प्रमाण पत्र बनाने के लिए जमा किए गए आवेदन यह कह कर लौटा दिए गए कि उनकी फीस जमा नहीं है जबकि सवाल यह है कि पहले तहसील प्रशासन द्वारा युवाओं के फार्म बिना फीस लिए जमा ही क्यों किए गए। दरअसल युवाओं को गुमराह किए गया है पहले बिना फीस के लिए युवाओं से फार्म जमा किए गए हैं जबकि बाद में जब चरित्र प्रमाण पत्र बनने की तिथि निकल गई तो उनको चरित्र प्रमाण पत्र की बजाय उनके फार्म ही वापस लौटा दिए। ऐसे में कई युवाओं के भविष्य के साथ तहसील प्रशासन रूद्रप्रयाग खेल रहा है।

पूरे मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारी उपजिलाधिकारी अर्पणा ढौंडियाल से बात करने चाही तो पहले वे मीडिया पर ही विफर गई  और बाद में अकड़ेल रवैया में यह कहते हुए अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर दी कि युवाओं की भीड़ अधिक है इसलिए देरी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आज ही सभी को चरित्र प्रमाण पत्र दिया जायेगा। लेकिन सवाल यह भी है कि युवाओं को अगर रात की दस बजे दिया जाता है तो फिर उसके बाद वे जायेंगे कहा? युवा जनपद के दूरस्थ गाँवों से चरित्र प्रमाण पत्र बनाने आए हैं। कई युवाओं को सड़क मार्ग की दूर तय करने के बाद 5-7 किमी पैदल जाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बरसात के कारण कई जगहों पर सड़कें बंद हैं जिस कारण आवाजाही में कठिनायां हो रही हैं ऐसे में अगर देर शाम भी युवाओं को मिलता है तो फिर रात को उनको घरों तक छोड़ने की जिम्मेदारी किसकी है। यह भी सोचा जाना चाहिए। बहरहाल तहसील रूद्रप्रयाग लापरवाह अधिकारियों के कारण कई युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेल सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धाम साहब जरा इस निरंकुश नौकरशाही पर भी ध्यान दो। किस तरह से एक चरित्र प्रमाण पत्र के लिए दर्जनों चक्कर तहसीलों के काटने पड़ रहे हैं। 

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