अगस्त्यमुनि खेल मैदान विवाद दो धड़ो में बंटा, एक तरफ वर्ग स्टेडियम बनने का विरोध मान रहा दुर्भाग्य, दूसरा पक्ष धर्म की बता रहा क्षति

अगस्त्यमुनि में निर्माणाधीन स्पोर्ट्स स्टेडियम के विरोध में पंचकोटी गांवों के लोगों ने अगस्त्यमुनि खेल मैदान में बैठक कर 17 करोड़ की लागत से बनने वाले इस निर्माण को अन्यत्र ले जाने की मांग उठायी। तो वहीं दूसरी ओर खेलप्रेमी व खिलाड़ियों ने विकास कार्यों के विरोध को निराशाजनक बताया है।

महर्षि अगस्त्य पंचकोटी संघर्ष समिति के बेनर तले पिछले कुछ दिनों से चल रहे स्पोर्ट्स स्टेडियम के निर्माण के विरोध में खेल मैदान अगस्त्यमुनि में बैठक आयोजित की गयी। सभा को सम्बोधित करते हुए विश्व मंगलम यज्ञ समिति के अध्यक्ष हर्षवर्धन बेंजवाल ने कहा कि यह मैदान मुनि महाराज का है जिस पर सरकार ने कब्जा कर लिया है। और अब इस पर 17 करोड़ की लागत से स्टेडियम बन रहा है। जिसमें अधिकारी और नेताओं ने पहले ही 7 करोड़ का कमीशन खाकर इस मैदान को बेच दिया है। शेखर नौटियाल ने कहा कि ये सरकार खुद को सनातनी बताती है इसलिए अगस्त्य ऋषि की भूमि पर सरकार द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण को तुरंत बन्द करना चाहिए। अन्यथा की स्थिति में जनता को उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।


सभा का संचालन करते हुए राजेश बेंजवाल ने कहा कि ये स्टेडियम जन भावनाओं के विपरित है। ये एंटी स्पोर्ट्स स्टेडियम बन रहा है खेल से इसका कोई लेना देना नहीं है, ये भ्रष्टाचार की देन है। उन्होंने कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा इस निर्माण को रूकवाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

वहीं दूसरी ओर लोगों का कहना है कि रुद्रप्रयाग की खेल प्रतिभागियों को इस मैदान में तैयारी कर देख और दुनिया में प्रतिभाग करने का अवसर प्राप्त होगा। लम्बे समय से राज्य के कोन-कोन से चयनित बेहतर खिलाड़ी अगस्त्यमुनि स्थित छात्रावास में रहते हुए इसी खेल मैदान की बदौलत प्रदेश का मान बढ़ा रही हैं।

इसी मैदान को आधुनिक सुविधाओं के साथ सजाने संवारने के लिए सरकार द्वारा 17 करोड़ की लागत से स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। इस मैदान में ओलंपिक स्तर का 4 सौ मीटर लम्बा सन्थेटिक ट्रैक बनाया जा रहा है जबकि राष्ट्रीय स्तर का फुटबॉल और बास्केटबॉल ग्राउण्ड भी बनाया जाना है जिससे आने वाले भविष्य में इस मैदान में राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताएं होगी। इससे जहाँ इस क्षेत्र की खेल प्रतिभावों को इस मैदान में हर रोज अभ्यास करने का अवसर मिलेगा वही वे यहाँ से निकलकर राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग कर रूद्रप्रयाग जनपद का नाम देश दुनियाँ में गौरवान्वित कर सकती हैं।

यह बात अधिकांश लोगों के गले नहीं उतर रही है कि कुछ लोगों द्वारा इस खेल मैदान निर्माण का कार्य जब 40 प्रतिशत हो गया है तब इसका विरोध क्यों किया जा रहा है। जबकि पूर्व में इस मैदान के बड़े हिस्से पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 33 केवी विद्युत सब स्टेशन, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, रैन बसेरा, शापिंग काम्प्लेक्स व पार्किंग, नगर पंचायत भवन, युवा केन्द्र, सरस विपणन केन्द्र, निर्वाचन कार्यालय, स्पोर्ट्स कार्यालय और हास्टल सहित बहुउद्देशीय मंच का निर्माण किया गया है, जिससे यह विशाल मैदान लगातार सिमटता गया। इस विकास कार्यों का स्थानीय जनता ने हमेशा स्वागत किया है।

वास्तव में अगर यह मैदान भव्य रूप से बनाता है और इसमें राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं विकसित होती हैं तो निश्चित ही इस क्षेत्र की खेल प्रतिभावों को अपना भविष्य सँवारने का सुनहरा अवसर प्राप्त हो सकता है। मुनि महाराज की भूमि से निकलकर कोई बच्चा देश दुनिया में इस भूमि का नाम रोशन करता है तो निश्चित ही मुनि महाराज जी को भी खुशी होगी।।

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