नेताओं की उदासीनता के कारण बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा रूद्रप्रयाग विधानसभा का जखोली विकासखंड

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नेताओं की उदासीनता के कारण बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा रूद्रप्रयाग विधानसभा का जखोली विकासखंड

बीरेन्द्र राणा/केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज़

जखोली। विधानसभा क्षेत्र रुद्रप्रयाग के अन्तर्गत आने वाला विकासखण्ड जखोली मतदाताओं के हिसाब से सबसे अधिक मतदाताओं वाला क्षेत्र है,लेकिन विकास के लिहाज से ये क्षेत्र अन्य क्षेत्रों से काफी पिछड़ा क्षेत्र है। 

जखोली विकासखण्ड के अन्तर्गत कुल 108 ग्राम पंचायतें हैं। जहां तक समस्याओं की बात करें तो विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत सबसे अधिक मूलभूत समस्याओं से जखोली ब्लाक ही जूझ रहा हैं। मूलभूत समस्याओं में पेयजल संकट के साथ शिक्षा,सड़क,स्वास्थ्य सहित काश्तकारों के लिए जंगली जानवर सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। पेयजल संकट की बात करें तो भरदार पट्टी हमेशा से ही पेयजल किल्लत से जूझ रहा है।वहीं आवाजाही के लिए सड़क मार्ग पश्चिमी ओर पुर्वी बांगर क्षेत्र को ब्लाक मुख्यालय तक पहुँचने की गम्भीर समस्या की मांग लोग आजादी मिलने के बाद से ही कर रहे हैं परन्तु समस्या जस की तस बनी हुई है।

काश्तकारों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जहां बांगर,लस्या व सिलगढ की 40 ग्राम पंचायतों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लस्तर नहर परियोजना नेताओं व विभागीय अधिकारियों के लिए दुधारु गाय बनी हुई है, वहीं लस्तर बायां सिंचाई योजना पिछले एक दशक से करोड़ो के पाइप सड़को में सड़ गल रहे हैं पर विभाग व जनप्रतिनिधियों ने कभी इसके निर्माण की बात तक नहीं उठायी। 

वहीं शिक्षा के क्षेत्र में सीमान्त क्षेत् चिरबटिया में खुले आईटीआई,कृषि महाविद्यालय बंद पड़ गये हैं,वहीं राजकीय महाविद्यालय जखोली में विज्ञान संकाय,पीजी की कक्षाएं व राजकीय पालिटेक्निक में ट्रेड खोलने को लेकर जनता कई बार आन्दोलन कर चुकी है,परन्तु समस्याएं आज भी जस की तस बनी हैं। जबकि वर्तमान में जो प्रत्याशी इस क्षेत्र से इस बार चुनाव मैदान में हैं,वे पूर्व से भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। ऐसे में अब देखना है जनता इस बार किस प्रतिनिधि को चुनती है वो तो आने वाला समय ही बतायेगा, लेकिन क्षेत्र में इस बार मतदाता प्रत्याशियों से क्षेत्र के विकास की बातें अवश्य पूछ रहे हैं।

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