राइका गोदली के मुख्य भवन पर मंडराया भूस्खलन का खतरा

राजेश्वरी राणा केदारखंड एक्सप्रेस न्यूज़/भारी बारिश के कारण भूस्खलन होने से राजकीय इंटर कालेज गोदली के मुख्य भवन को भारी खतरा हो गया है, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर की मुख्य भवन के आगे ब्रिस्टवाल सहित सुरक्षा दीवारें लगाने की मांग ।गुणम के प्रधान सज्जन सिंह नेगी ,मसोली के प्रधान देवेन्द्र लाल ,पार्टी जखमाला के प्रधान प्रेम सिंह नेगी ,नैल के प्रधान सत्येन्द्र रमोला ,कलसीर की प्रधान मीना राणा ,पूर्व प्रधान हुकम सिंह नेगी ,पूर्व कनिष्ठ प्रमुख गोपाल रमोला सहित तमाम क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि मसोली ,गुणम ,नैल, नौली ,सिदेली ,पार्टी जखमाला ,कलसीर सहित 7 ग्राम सभाओं के 200 से अधिक छात्र छात्राएं वर्तमान में राजकीय इंटर कालेज गोदली में अध्ययनरत हैं ।

लेकिन विगत दो वर्षो से कालेज के मुख्य भवन के आगे लगातार भारी मात्रा में भूस्खलन हो रहा है । यह भूस्खलन बिल्कुल मुख्य भवन के प्रागण तक पहुंच गया है । जिससे मुख्य भवन के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है ।और वह कभी भी धराशाई हो सकता है ।जिससे छात्र छात्राओं की कक्षाएं संचालित करना मुश्किल हो गया है ।जिस कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है ।इस भुस्खलन का मुख्य कारण पीएमजीएसवाई द्वारा कलसीर नौली सड़क मार्ग का निर्माण कार्य है ।क्योंकि ठेकेदार द्वारा सड़क का निर्माण कार्य तो किया गया लेकिन ब्रिस्टवालें नहीं लगाये जाने से कालेज के मुख्य भवन के आगे भारी मात्रा में भूस्खलन होना है ।बार बार विभागीय उच्चाधिकारियों और शासन प्रशासन के उच्चाधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से कालेज भवन की वस्तु स्थति से अवगत कराया गया लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लायी गयी है ।

जिससे अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य के प्रति चिंतित हैं ।लिहाजा अभिलम्ब मुख्य भवन के आगे भूस्खलन को रोकने के लिए ब्रिस्टवाल लगवायी जाय या कालेज के लिए नये मुख्य भवन की व्यवस्था यवस्था की जाय जिससे छात्र छात्राओं की कक्षाये सुचारू रुप से चलती रही और उनकी पढ़ाई में ब्यवधान पैदा न हो ।वहीं खण्ड शिक्षाधिकारी डा भास्कर चन्द्र बेवनी से सम्पर्क करने पर उन्होंने बताया कि कालेज प्रधानाचार्य को निर्देशित कर दिया गया है कि मुख्य भवन के बजाय छात्र छात्राओं की कक्षाएं अन्य टीन सेडों में संचालित की जाय तथा मुख्य भवन के आगे हो रहे भूस्खलन की वास्तविक स्थति से विभागीय उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है

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