देवाल के ल्वाणी गांव में सैनिक रेस्टोरेंट खोलकर बीरेन्द्र सिंह बिष्ट कर रहे आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार

नवीन चन्दोला केदारखंड एक्सप्रेस न्यूज़/ विकासखंड देवाल के ल्वाणी गांव से 200 मीटर आगे सैनिक रेस्टोरेंट मैं वीरेंद्र सिंह बिष्ट पहाड़ी उत्पादों से बने अचार, मुरब्बा, चटनी इत्यादि बेचकर अपनी आजीविका चला रहे हैं, और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहे हैं। यहां पर मौसमी पहाड़ी उत्पादों जैसे लिंगुड़े की चटनी, लिंगुड़े का अचार, चंद्रा का अचार, चटनी, मडुवे की रोटी, कनाली का अचार,चटनी आदि अनेक जड़ी-बूटी तथा औषधीय पौधों से बने प्रोडक्ट को बेचकर पहाड़ी उत्पादों की ब्रांडिंग कर रहे हैं। वीरेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि मेरे मेरे पिता आर्मी में कुक थे और उन्होंने राष्ट्रपति जी के आवास पर भी खाना बनाने का कार्य किया था, पहले वह इस रेस्टोरेंट को चलाते थे। लॉकडाउन से पहले बीरेन्द्र सिंह बिष्ट रेडिसन ब्लू होटल में बार डिपार्टमेंट में कार्य करता था लेकिन लॉकडाउन के दौरान जब वह बेरोजगार हुआ तो उसके बाद उसके पिताजी ने कहा कि तुम यह होटल चलाओ और यहां पर पहाड़ी उत्पादों से बने प्रोडक्ट को बेचो ताकि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आ सके और देश विदेशों में हमारे पहाड़ के जो औषधीय तथा जड़ी बूटी पौधे हैं उन से बने उत्पादों को देश-विदेश में प्रसिद्ध हो सके।