भैंसगांव में जल कशल यात्रा में उमड़े श्रद्धालु, श्रीमददेवी भागवत के आयोजन से क्षेत्र का वातावरण बना है भक्तिमय
भैंसगांव में जल कशल यात्रा में उमड़े श्रद्धालु, श्रीमददेवी भागवत के आयोजन से क्षेत्र का वातावरण बना है भक्तिमय
तल्लानागपुर क्षेत्र के भैंसगांव में चल रही श्रीमददेवी भागवत कथा के छटवें दिन जल कलश यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें 101 भक्तों ने जल कलश यात्रा में प्रतिभाग कर पुण्य अर्जित किया। 19 फरवरी को पूर्णाहुति के साथ कथा का समापन किया जाएगा। गुरूवार को देव निशान घर-घर जाकर भक्तों की कुशलक्षेम पूछेंगे।
गत 11 फरवरी से तल्लानागपुर क्षेत्र के भैंसगांव में वैदिक मंत्रोच्चारण एवं पूजा अर्चना के साथ श्रीमद देवी भागवत कथा शुभारंभ हुआ था। प्रतिदिन की तरह बुधवार को छह ब्राह्मणों द्वारा सुबह गणेश पूजा, पंचाग पूजा, व्यास पूजा, भद्र पूजा समेत नित्य पूजाएं संपंन की। इसके बाद वाद्य यंत्रों के साथ स्थानीय ग्रामीण प्राकृतिक जल स्त्रोत पंधैरा तोक में पहुंचे, जहां ब्राह्मणों ने जल धारा की पूजा अर्चना करने के बाद ही जल को 101 कलशों में भरा। जैसे ही जल यात्रा अपने गतंव्य के लिए रवाना हुई, वैसे ही भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा। जल कलश यात्रा में 101 भक्तों ने प्रतिभाग कर पुण्य अर्जित किया। जल यात्रा के कथा स्थल में पहुंचने पर यात्रा का लोगों ने जोरदार स्वागत किया। कथावाचक पं. आचार्य संजय सेमवाल ने राजा परिक्षित की कहानी का वर्णन किया। कहा कि मनुष्यों को समय-समय पर पौराणिक कथाओं का श्रवण करना चाहिए। जिससे जीवन में आने वाले कष्टों का निवारण हो सके। कहा कि श्रीमदभागवत कथा के समापन के बाद ही श्रीमददेवी भागवत कथा का आरंभ होता है। आयोजक समिति के अध्यक्ष मनवर सिंह ने बताया कि 17 फरवरी को गांव के आराध्य देव गांगेय देव, हीत, विनसर, दक्षिणकाली, नारायण भगवान समेत कई देवी देवताओं के निशान घर-घर जाकर भक्तों की कुलशक्षेम पूछेंगे। 18 फरवरी को महायज्ञ में जौ तिल व घी आहुतियां डाली जाएंगी। 19 फरवरी को पूर्णाहुति व भंडारे के साथ कथा का समापन किया जाएगा।
कथा श्रवण के लिए सांदर, पोला, चोकी, तमिंड, नासरी, खतेणा, बेला, कोटेश्वर, सुमाडी समेत कई गांवों के ग्रामीण पहुंच रहे है। प्रतिदिन शाम को कथा स्थल में कीर्तन भजनों का आयोजन से पूरा वातावरण भक्तिमय हो रहा है। इस अवसर पर शिक्षक संघ अध्यक्ष आनंद जगवाण, प्रधान भैंसगांव मीना देवी, सांदर भूपेन्द्र जगवाण, दलवीर सिंह, सबल सिंह, दलीप सिंह, समेत कई ग्रामीण उपस्थित थे।