छ माह के लिए समाधि में लील हुए बाबा केदार
छ माह के लिए समाधि में लील हुए बाबा केदार
केदारनाथ। 11 वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ (11th Jyotirlinga Lord Kedarnath )के कपाट वेद ऋचाओं, स्थानीय वाद्य यंत्रों, आर्मी की बैण्ड धुनों व सैकड़ों भक्तों की जयकारों के साथ विधि – विधान से शीतकालीन के लिए बन्द कर दिये गये है! कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ जगत कल्याण के लिए शीतकाल के छ: माह तपस्यारत हो गयें!
भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट बन्द (Kedarnath temple doors closed )होने के पावन अवसर पर सैकड़ों भक्त कपाट बन्द होने के साक्षी बने! भगवान केदारनाथ के कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पडा़वो पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी, तथा 29 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में विराजमान होगी तथा 30 अक्टूबर से भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में विधिवत शुरू होगी ! 6 मई से कपाट बन्द होने तक केदारनाथ धाम में 15 लाख 61 हजार 882 भक्तों ने पूजा – अर्चना, जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की ! In Kedarnath Dham, 15 lakh 61 thousand 882 devotees prayed and prayed for world prosperity.
गुरूवार को ब्रह्म बेला पर प्रधान टी गंगाधर लिंग व विद्वान आचार्यों द्वारा भगवान केदारनाथ के स्वयभू लिंग का महाभिषेक कर घृत का अभिषेक किया गया तथा ठीक चार बजे से भगवान केदारनाथ के स्वयभू लिंग का पूजन करने के बाद स्वेत वस्त्र,बाघम्बर, चन्दन, भस्मी, अक्षत्र, भृगराज फल, पुष्पों सहित अनेक प्रकार की पूजा सामाग्रियो से भगवान केदारनाथ के स्वयभू लिंग को समाधि देने के बाद ठीक 6 बजे भगवान केदारनाथ के गर्भ गृह के कपाट शीतकालीन के लिए बन्द कर दिये गये! गर्भ गृह के कपाट बन्द होने के भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली का विशेष श्रृंगार किया गया! ठीक 8 ;30 बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली सभा मण्डप से मन्दिर परिसर लायी गयी तो सैकड़ों भक्तों की जयकारों से केदार पुरी गुजायमान हो उठी, भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के मन्दिर आने के बाद भगवान केदारनाथ के मन्दिर के शुभ कपाट भी विधि – विधान से बन्द कर दिये गये! भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ने मुख्य मन्दिर की तीन परिक्रमा करने के बाद शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ के लिए रवाना हुई तथा लिनचोली, भीमबली, जंगलचटटी, गौरीकुण्ड, सोनप्रयाग, सीतापुर यात्रा पडा़वो पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंच गयी है!
शुक्रवार भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी तथा शनिवार को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में विराजमान होगी! इस मौके पर मन्दिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, केदारनाथ सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण जुगराण, कुबेरनाथ पोस्ती, राजकुमार तिवारी, उमेश चन्द्र पोस्ती, सन्तोष त्रिवेदी, देवानन्द गैरोला, के के बिष्ट, तहसीलदार दीवान सिंह राणा, मुख्य कार्यधिकारी योगेन्द्र सिंह, कार्यधिकारी आर सी तिवारी, खुशहाल सिंह नेगी, ओकार शुक्ला, मीडिया डा0 हरीश गौड़, स्वयम्वर, सेमवाल, यशोधर मैठाणी, मृत्युजय हिरेमठ, उमेद सिंह नेगी, मनोज शुक्ला, उमेश शुक्ला, तीर्थ पुरोहित समाज, मन्दिर के अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, 11 मराठा रेजीमेंट की बैण्ड पार्टी सहित सैकड़ों श्रद्धालु व हक हकूकधारी मौजूद थे!