रुद्रप्रयाग जिले में डाक-व्यवस्था चौपट : गोपेश्वर में बैठे डाक अधीक्षक को खबर नहीं

0

 रुद्रप्रयाग जिले में डाक-व्यवस्था चौपट : गोपेश्वर में बैठे डाक अधीक्षक को खबर नहीं


डैस्क : केदारखंड एक्सप्रेस न्यूज़

रुद्रप्रयाग जिले में डाक-व्यवस्था बिल्कुल चौपट हो गई है। रुद्रप्रयाग से तहसील मुख्यालय ऊखीमठ और जखोली, जहाँ ब्लॉक मुख्यालय सहित अनेक सार्वजनिक कार्यालय भी हैं, में  हफ्ते में 2 दिन (सोमवार और बृहस्पतिवार) डाक भेजी जाती है। चोपता, घिमतोली के लिए हफ्ते में एक दिन (मंगलवार) और गुप्तकाशी, फाटा के लिए भी हफ्ते में 2 दिन (सोमवार व बृहस्पतिवार) डाक भेजी जा रही है। अर्थात जिला रुद्रप्रयाग के तीन चौथाई हिस्से में डाक एक स्थान से दूसरे स्थान को दो हफ्ते तक ही पहुँच पाती है। यह शिकायत वरिष्ठ पत्रकार और जन अधिकार मंच के संरक्षक रमेश पहाड़ी ने की है। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्री पत्रों की हालत भी इससे अच्छी नहीं है। श्री पहाड़ी ने 07 जून 2021 को एक रजिस्ट्री पत्र खुरड़ से भीरी के लिए बुक किया। वह पहले रुद्रप्रयाग से देहरादून भेजा गया और वहाँ से फिर वापस रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग से भीरी वह नौवें दिन पहुँचा। इस प्रकार डाक विभाग के अफसर डाक को पहुँचाने की बजाय घुमाने में महारत हासिल कर रहे हैं!

उन्होंने आश्चर्य जताया कि भारतीय डाक विभाग उपलब्धियों के बड़े-बड़े बैनर लगाकर देशवासियों को बताता है कि वह समय के साथ कदमताल करता हुआ बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जनपद रुद्रप्रयाग में डाक विभाग 6-7 दशक पहले की स्थिति में पहुँच गया है।

रुद्रप्रयाग जिले का मुख्यालय भी है और यहाँ से तमाम पत्राचार तहसीलों, ब्लॉकों, दूरस्थ सरकारी कार्यालयों, यात्रा मार्गों के दूरस्थ संचारविहीन क्षेत्रों में होता है। डाक की इस आदमयुगीन व्यवस्था के कारण सरकारी दफ्तरों और आमजन के कार्य अत्यधिक विलंबित हो जाते हैं, जिससे परेशानी के अलावा लोगों को दफ्तरों की अनावश्यक भागदौड़ के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।

1984-85 में डाक-व्यवस्था में व्याप्त अव्यवस्था की शिकायत मैंने तत्कालीन डाक अधीक्षक से की थी। उन्होंने ग्वालदम के डाकघर से मुझे एक पत्र दिनांक व समय अंकित करते हुए रुद्रप्रयाग भेजा। वह पत्र मुझे दूसरे दिन 10.15 बजे मेरे प्रेस में वितरित किया गया। उनके प्रयास से एक सप्ताह में ही पूरे मण्डल की डाक-व्यवस्था सुधर गई थी। 

चमोली डाक प्रखंड, गोपेश्वर के वर्तमान डाक अधीक्षक जी डी आर्य से इस सम्बंध में टेलीफोन पर बात की गई तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। उन्हें केवल इतना पता था कि कोविड के कारण बसें नहीं चल रहीं हैं, जबकि बसें चलना आरम्भ हो गईं हैं और यदि उनको चिंता होती तो वे बसों से डाक भेजने की व्यवस्था करवा सकते थे। जब इस अनियमितता के लिए आर्थिक गड़बड़ी की आशंका जताई गई तो वे भड़क गए और खुद को 2 डिविजनों का मालिक घोषित करने लगे। श्री पहाड़ी ने उन्हें ध्यान दिलाया कि वे प्रखंडों के मालिक नहीं, पब्लिक सर्वेंट हैं तो उन्होंने फोन काट दिया। उन्हें डाक की गड़बड़ी के सम्बंध में व्हाट्सएप पर भी शिकायत की गई है और इस कुप्रबंधन को ठीक करने का अनुरोध किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share

You cannot copy content of this page