आवासीय भवनों पर दरारें, एसडीएम ने दिए जांच के आदेश

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 आवासीय भवनों पर दरारें, एसडीएम ने दिए जांच के आदेश

रेल परियोजना प्रभावित नरकोटा गांव पहुंची एसडीएम, घरों में पडी दरारों का लिया जायजा

एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट आने के बाद होगी उचित कार्यवाही

ग्रामीणों की चेतावनी न्यायोचित कार्यवाही नहीं हुई तो उग्र आंदोलन को रहें तैयार

केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज़

रूद्रप्रयाग। जिला मुख्यालय के सटी रेल परियोजना प्रभावित ग्राम पंचायत नरकोटा में सुरंग निर्माण से आवासीय भवनों को हो रहे भारी खतरे का जायजा लेने उप जिलाधिकारी अपर्णा गांव पहुंची। उन्होंने ग्रामीणों के भवनों पर पडी दरारों का जायजा लिया और एक सप्ताह के भीतर जांच कर कार्यवाही का आश्वासन दिया। वहीं ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर उनके साथ न्यायोचित कार्यवाही नहीं होती तो उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहें।

 दरअसल लंबे समय से नरकोटा के ग्रामीणों रेल विकास निगम की कार्यप्रणाली को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन हर तरफ से हो रहे नुकसान से उनकी समस्या दिनोंदिन बढती जा रही है। सुरंग निर्माण में प्रयुक्त हो रहे भारी डायनामाइट विस्फोटो से उनके भवनों पर बडी बडी दरारें पड चुकी हैं, जिससे हर समय उनके सामने खतरा बना हुआ है। वहीं आरबीएनएल की कांन्ट्रेर्क्स कम्पनी मेघा और आरसीसी द्वारा ग्रामीणों के प्राचीन नर्वेदेश्वर शिवालय के पैदल सम्पर्क मार्ग को भी भारी क्षति पहुंचाई गई और प्रांगण के आगे भी मलबा भर गया है। इसके साथ ही गांव का मुख्य सार्वजनिक पैदल मार्ग भी ध्वस्त है। हर दिन प्रदूषण से ग्रामीण परेशान है। इसी को लेकर ग्रामीणों की शिकायत पर उप जिलाधिकारी अर्पणा ने नरकोटा गांव का दौरा किया। उन्होंने थरणखील तोक में सबसे अधिक प्रभावित आवासीय भवनों का जायजा लिया और नारजगी जताई कि ग्रामीणों की भवन पर कई जगहों दरारें पडी है। जिस पर उन्होंने आरबीएनएल अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र कमेटी एक सप्ताह के भीतर भवनों की जांच करेगी, जिसके बाद उचित कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने शिवालय मार्ग, प्राकृतिक नाले पर पडे मलबे, सार्वजनिक पैदल मार्ग का एक सप्ताह के भीतर ट्रीटमेंट करने के निर्देश दिए आरबीएनएल और आरसीसी को दिए। उपजिलाधिकारी कहा कि जनहितों की अनेदखी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, यदि कहीं भी जनहित के खिलाफ या नियम विरूद्व कार्य किया गया तो कडी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

 ग्राम प्रधान चन्द्रमोहन ने बताया कि गांव में मौजूदा समय में रेल परियोजना से प्रभावित कई परियोजना के बेरोजगार युवक है, लेकिन रेलवे की कान्ट्रेर्क्स कम्पनियां बाहरी लोगों को नौकरी दे रही है। कहा कि यदि ऐसा किया गया तो कम्पनियों को इसको भारी खामायाजा भुगतना पडेगा। कहा कि आने वाले एक सप्ताह के बाद पुन बैठक आयोजित की जाएगी और सही कार्यवाही नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी आरबीएनएल की होगी।

इस मौके पर पूर्व प्रधान सत्यप्रसाद भटटकोटी, रविदत्त सिलोडी, परशुराम जोशी, रोशन प्रसाद भटट, गुडडी देवी, शीला देवी, प्रियंका देवी, विनोद भटट, सुनील जोशी, रघुनंदन भटट, संदीप प्रसाद, मुकेश भटट, पूर्व प्रधान सुरेन्द्र प्रसाद जोशी सहित भारी संख्या में महिलाए एवं पुरूष, आरबीएनएल व कांट्रेक्टर्स कम्पनियों के प्रतिनिधि, आरसीसी कम्पनी परियोजना प्रबंधक व प्रशासन के अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक का संचालन संदीप भट्टकोटी ने किया। 

बाक्स न्यूज-

मेघा अधिकारी से नाराज ग्रामीण

रूद्रप्रयाग नरकोटा के ग्रामीणों ने मेघा कम्पनी के एक अधिकारी पर भी आरोप लगाया कि अधिकारी का व्यवहार उचित नहीं हैं। ग्राम पंचायत प्रधान हो या फिर अन्य जनप्रतिनिधि या फिर ग्रामीण किसी के साथ भी अडियल और बदतमीजी से पेश आना उस अधिकारी आदत बन गई है, जिसको लेकर सबसे अधिक आक्रोश ग्रामीणों में हैं। ग्राम प्रधान चन्द्रमोहन, वार्ड सदस्य सुनील जोशी, विनोद भटट, मुकेश भटट, संदीप प्रसाद, कुलदीप जोशी सहित समस्त ग्राम पंचायत समिति ने साफ चेतावनी दी यदि इसी तरह का व्यवहार रहा तो कम्पनी इसका भी खामियाजा भुगतना होगा।

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