राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम “वोट जैसा कुछ नहीं ” पर फार्मों की रही किल्लत
केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज/ देहरादून।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर लोगों में काफी जागरूकता दिखाई दी, जहां एक तरफ फर्स्ट टाइम वोटरों में अपने नाम लिस्ट में चढ़वाने की जल्दबाजी रही वहीं दूसरी तरफ एक शहर से दूसरे शहर में शिफ्ट हो चुके लोगों की भीड़ नजर आई। वोटर आईडी के लिए भरे जाने वाले फार्मों की भी काफी दिक्कतें देखने को मिली।
मानों अगर किसी परिवार के चार सदस्यों के नाम लिस्ट में चढ़वाने हों तो एक ही फार्म मिल रहा है, बाकी के तीन फार्म लोगों को खुद ही बाजार से फोटोकॉपी करवानी पड़ रही है। जब जागरूकता की बात आती है तो बड़े बड़े बैनर में खूब दिखाई देती है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है।मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करने के लिए पर्याप्त फार्म नहीं होने के कारण जहां लोगों को खूब भागदौड़ करनी पड़ी ,
वहीं फोटोकॉपी करने वाले दुकानदारों की खूब चांदी हुई। मतदाता दिवस पर राज्यपाल ने भी अपने संदेश में यही कहा कि “देश की प्रगति के लिए मजबूत लोकतंत्र होना आवश्यक है, लोकतंत्र की मजबूती का आधार मतदाता है, अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोकतंत्र की सुदृढ़ता में अपना योगदान करें “लेकिन अब सवाल ये है कि जब मतदाताओं को शुरुआत से ही छोटी-छोटी परेशानियों से जूझना पड़ेगा तो क्या मतदाता जागरूक हो पायेगा। क्या बीएलओ के पास पर्याप्त मात्रा में फार्मों की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए थी।