गोपेश्वर महाविद्यालय की प्रो. चंद्रावती जोशी ने मॉरीशस में प्रस्तुत किया शोध पत्र

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-लोकेन्द्र रावत/गोपेश्वर

चमोली। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर की बीएड विभाग की प्रोफेसर चंद्रावती जोशी ने मॉरीशस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में शोध पत्र प्रस्तुत कर महाविद्यालय का नाम रोशन किया।

साइंस साइट मल्टी डिसिप्लीनरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन मारीशस के द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “गिफ्टेड चिल्ड्रेन एंड क्रिएटिविटी” विषय पर 22 व 23 अगस्त को आयोजित किया गया था। इसमें प्रो चन्द्रावती जोशी ने “इम्पेक्ट ऑफ क्रियेटिव लर्निंग एनवायरनमेंट टू केटर द नीड्स ऑफ गिफ्टेड चिल्ड्रेन विद पर्सपेक्टिव ऑफ एनईपी 2020 ऑफ इंडिया” विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किया।

यह शोध पत्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 डॉक्यूमेंट पर आधारित था। इस शोध पत्र में परिभाषित किया कि रचनात्मक वातावरण छात्रों को रचनात्मक तकनीकों का उपयोग करके कौशल, दृष्टिकोण और ज्ञान विकसित करने में मदद करता है। यह नए विचारों और सोचने के नए तरीकों और समस्या समाधान के अवसर प्रदान करके छात्रों में मानसिक विकास को बढ़ावा देता है। रचनात्मक वातावरण प्रतिभाशाली छात्रों के लिए एक उपहार है, क्योंकि यह आलोचनात्मक सोच और समस्या समाधान कौशल को बढ़ावा देता है। यह शिक्षा नीति पूर्ण क्षमता के विकास के लिए छात्रों में रचनात्मकता को बढ़ावा देने पर जोर देती है। प्रतिभाशाली छात्रों को अपनी सीखने की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक शैक्षणिक सीखने के वातावरण की आवश्यकता होती है, ताकि वे स्कूल में निरंतर प्रगति कर सकें। उन्हें ऐसे पाठ्यक्रम की आवश्यकता है जो उन्हें नियमित कक्षा व्यवस्था, संवर्धन, त्वरित सीखने के अवसरों और उपयुक्त सामाजिक और भावनात्मक समर्थन में चुनौती दे। रचनात्मक अधिगम वातावरण सामग्री क्षेत्रों के साथ व्यक्तिगत संबंध प्रदान करता है, क्योंकि यह प्रतिभाशाली छात्रों की व्यक्तिगत सोच, कल्पना और विश्लेषण को प्रोत्साहित करता है।

प्रो जोशी की इस उपलब्धि पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य प्रो. एमके उनियाल, प्रो. स्वाति जोशी, डॉ अखिलेश कुकरेती, डॉ हिमांशु बहुगुणा, डॉ कुलदीप नेगी, टीचर्स स्टॉफ क्लब के सचिव डीएस नेगी आदि ने खुशी जताते हुए बधाई दी।

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