8 वर्षों से मातृ शिशु केन्द्र में संचालित हो रही बसुकेदार तहसील, अधिकारी कर्मचारियों का भी टोटा
भानु भट्ट केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज़/ खुद के भवन निर्माण का रोना रो रही तहसील बसुकेदार जहाँ 2015 में हरीश रावत सरकार ने तहसील बसुकेदार की घोषणा ही नहीं बल्कि शिलान्यास भी किया था, भले ही तहसील में कामकाज आज भी सुचारु रूप से चल रहा है किन्तु किस स्थिति मे चल रहा हैं वो ये तस्वीरें बयां कर रही हैं, न भवन, न फर्नीचर, और यहाँ तक की अधिकारी भी व्यवस्था के ही हैं, तहसीलदार और उपजिलाधिकारी जखोली के देखरेख में ही काम चल रहा है, नाम मात्र की रह गई तहसील, प्रश्न ये हैं कि जिस तहसील मे लोग अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं,
वहीं अगर रोना रो रही हो तो कैसे चलेगा काम, यही नहीं कार्यरत कर्मचारी भी डरे सहमे हुए हैं, क्योंकि कई बार तो छत से सीमेंट के टुकड़े आकर उन पर गिर गये हैं।वही जनता के द्वारा ये भी बताया जा रहा हैं कि भवन निर्माण के लिये लगभग,70 नाली जमीन भी ग्राम सभा डालसिंघी द्वारा दान दी जा चुकी हैं,और पूर्व के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित जी द्वारा स्थलीय निरिक्षण भी किया गया और जनता को ये संतवना दी कि जहाँ पर तहसील चल रही हैं वही पर जगह काफ़ी हैं यही पर यथा शीघ्र भवन निर्माण कार्य कर दिया जायेगा, लेकिन कब भवन निर्माण कार्य होगा, ऐ भी एक प्रश्न खड़ा करता हैं, शायद,तब जब कोई अनहोनी होगी।