‘प्रेस क्लब’ पर रातोंरात डाका, रूद्रप्रयाग जिलाधिकारी की नाक के नीचे ‘खेला’ कर गए अधिकारी
दीपक बेंजवाल / अगस्त्यमुनि
रुद्रप्रयाग जिले में पत्रकारों की वैध संपत्ति ‘जिला प्रेस क्लब’ को रातों-रात अवैध रूप से हड़पने का गजब वाकया हुआ है। बता दें कि इस अजब-गजब कारनामे के ठीक एक दिन पूर्व 26 दिसंबर को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय पत्रकार स्थाई समिति की बैठक में लंबे समय से बंद पड़े प्रेस क्लब भवन का मामला उठा। बैठक में पत्रकार स्थाई समिति के सदस्य अनसूया प्रसाद मलासी ने सुझाव दिया कि बेला-खुरड़ में वर्ष 2013 में प्रेस क्लब भवन की मरम्मत कर जिला सूचना कार्यालय एवं प्रेस क्लब को इसी भवन पर संचालित किया जाए। जिस पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने समिति के सदस्यों को आश्वस्त करते हुए जिला सूचना अधिकारी/कार्यदायी संस्था को प्रेस क्लब का निरीक्षण कर मरम्मत कार्य पर किए जाने वाले व्यय के संबंध में एक माह के भीतर आंगणन प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। यह भी आश्वासन दिया कि तत्काल इसके लिए धन आवंटित कर दिया जाएगा। कलेक्ट्रेट से वापसी में प्रभारी जिला सूचना अधिकारी रतीलाल शाह ने इस भवन का निरीक्षण किया तो पाया कि यह भवन जीर्ण-शीर्ण हालत में है।
26 दिसंबर को प्रेस क्लब पहुंचकर निरीक्षण करते जिला सूचना अधिकारी। तब यहां बोर्ड नहीं लगा था।
जिलाधिकारी के आदेश पर अमल शुरू होता, इससे पहले ही 24 घंटे के भीतर ही आज सायंकाल प्रेस क्लब भवन पर कार्यालय सहायक आयुक्त राज्य कर का बोर्ड चस्पा कर दिया गया। आखिर किसकी शह पर यह बोर्ड और कब्जा दिया गया। जबकि इसकी जानकारी न सूचना विभाग को है न ही जिलाधिकारी को और न ही स्थाई पत्रकार समिति या अन्य पत्रकारों को।
अब सवाल यह उठता है कि जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना और जबरदस्ती पत्रकारों की संपति को हड़पने का षडयंत्र किसने रचा? इधर इस घटनाक्रम के बाद जिले के पत्रकारों में भारी रोष है। पत्रकार स्थाई समिति के सदस्य लक्ष्मी प्रसाद डिमरी, अनसूया प्रसाद मलासी, देवेन्द्र चमोली, श्रमजीवी पत्रकार संघ रुद्रप्रयाग के जिलाध्यक्ष नरेश भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी, श्यामलाल सुंद्रियाल, प्रवीण सेमवाल, कुलदीप राणा ‘आजाद’ आदि ने इस कृत्य पर घोर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के साथ ऐसा षडयंत्र कौन कर रहा है? इस भवन का स्वामी कोई एक व्यक्ति है या संस्था? इस संबंध में 29 दिसंबर को जनपद के पत्रकारों की आपात बैठक और जिलाधिकारी से वार्ता कर सख्त विरोध दर्ज करने की बात कही गई है। इधर एसयूडब्लूजे जिला रूद्रप्रयाग के अध्यक्ष हरीश गुसाई ने इस पूरे प्रकरण पर जांच की मांग करते हुए इसे पत्रकारों के उत्पीड़न का मामला बताया।
वहीं इस मामले पर उत्तराखंड श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश महामंत्री विश्वजीत नेगी ने रोष जताते हुऐ पत्रकारों की संपत्ति पर सरकारी कब्जे का पुरजोर विरोध करने की बात कही है।