सीएम धामी ने किया उद्घाटन, खण्डहर हो गया भवन

चमोली/पोखरी। एक तरफा राज्य में पर्यटन और तीर्थाटन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकारें अनेकों ढोल पीट रही है दूसरी तरफ पर्यटन के नाम पर करोड़ों रूपये जनता के बर्बाद किये जा रहे हैं। जनपद चमोली के विकासखण्ड पोखरी में 20 शय्याओं का पर्यटन आवास गृह इसका ज्वलंत उदाहरण है। दिसम्बर 2021 में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और तत्कालीन विधायक व वर्ममान में राज्य मंत्री महेन्द्र भट्ट से इसका उद्घाटन किया था लेकिन उसके बाद आज तक इस पर्यटन आवास गृह के ताले नहीं खुले और अब यह खण्डहर में तब्दील होता जा रहा है।
97.30 लाख रूपये की लागत से निर्मित पर्यटन आवास गृह वर्तमान में असामाजिक तत्वों, शराबियों व जुआरियों का अड्डा बना हुआ है। देख-रेख के अभाव व इसका संचालन न होने से यह अब जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। पोखरी ब्लॉक मुख्यालय उत्तर भारत के एक मात्र कार्तिक स्वामी मंदिर के निकट होने से यहाँ वर्षभर श्रद्धालु एवं पर्यटक आते हैं. लेकिन रहने की उचित व्यवस्था न होने से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पढ़ता है।
कार्तिक स्थामी तीर्थ के निकट होने के कारण पोखरी में वर्षभर श्रद्धालुओं पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। जबकि साल में यहाँ सात दिवसीय हिमवंत कवि हिमवंत चन्द्र कुँवर बर्त्वाल खाद्यी ग्रामोद्योग मेला, कृष्ण जन्माष्टमी मेला, शिवरात्रि मेला जैसे कई आयोजन होते हैं जिसमें बाहर से अनेक कलाकार, गायक, मंत्री विधायक पहुँचते हैं लेकिन इन्हें भी यहां उचित रहने की सुविधा ना मिलने से उन्हें या तो कर्णप्रयाग अथवा गौचर जाना पड़ता है। जिससे पर्यटन व्यवसाय को बड़ा नुकसान तो होता ही है बल्कि क्षेत्र में पर्यटन और तीर्थाटन की गतिविधियों में भी कमी आती है।
पोखरी में ठहरने की स्थिति को दूर करने के लिए पर्यटन विभाग ने यहां करीब एक करोड़ की लागत से यह भवन निर्मित किया था किन्तु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उद्घाटन के बाद यह भवन खण्डहर में तब्दील हो गया है। जिससे न केवल जनता के करोड़ों रूपयों की बर्बादी हो रही है। वहीं बल्कि पर्यटन व्यवसाय को भी इसका बड़ा नुकसान हो रहा है। इस क्षेत्र के महेन्द्र भट्ट जी दूसरी बार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने हैं और राज्य सभा सांसद होने के बावजूद अपने गृह क्षेत्र की इतनी उपेक्षा कर रहे है तो इससे दो ही बातें समझ में आती हैं या तो महेन्द्र भट्ट सरकार में केवल गोबर गणेश की तरह हैं या फिर अपने क्षेत्र के लिए वे कुछ करना ही नहीं चाहते हैं।