कुलदीप राणा आजाद कविता (kuldeep rana kavita)

अब और नहीं सहा जाता ये “बोझ”

 अब और नहीं सहा जाता ये "बोझ"-कुलदीप राणा "आजाद "रूद्रप्रयाग :  60 के दशक में  रूद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी पर...

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