गौरीकुण्ड में नेपाली परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, मलबे में दबे दो बच्चों की मौत

संगीता सपना बुटोला/केदारखण्ड एक्सप्रेस

रूद्रप्रयाग। इस महीने गौरीकुंड में नेपाली परिवारों पर ग्रहण जैसा लग गया है। पिछले दिनों चट्टान टूटने से 14 नेपाली इस हादसे में लापता चल रहे हैं जिसकी खोजबीन जारी है की फिर कल रात को भूस्खलन की चपेट में आने से दो नेपाली बच्चे इस हादसे का शिकार हो गए।

आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन रजवार ने जानकारी देते हुए बताया कि कल मंगलवार रात्रि करीब 12 बजे गौरीकुंड गांव में हेलीपैड से आगे गांव के नीचे एक नेपाली परिवार के टेंट के ऊपर के खेत से आए मलबे की चपेट में आने के कारण तीन बच्चों के दबने की सूचना प्राप्त हुई थी। राहत बचाव टीम मौके पर पहुंचकर एक बच्ची को सकुशल तथा दो अन्य बच्चों को चिकित्सालय गौरीकुंड पहुंचाया गया है।

इस घटना में तीन ही बच्चों के दबने की सूचना थी जिसमें बड़ी लड़की स्वीटी 8 वर्ष, छोटी लड़की पिंकी 5 वर्ष तथा एक छोटा बच्चा जो मालवे में दबे थे को अस्पताल पहुंचाया गया है। जिनमें से स्वीटी ठीक है जिसका उपचार किया जा रहा है जबकि दो अन्य बच्चों को चिकित्सक द्वारा मृत घोषित कर दिया गया।

बच्चों का पिता सत्यराज अपने गांव नेपाल जा रखा है। जबकि माता जानकी बच्चों के साथ ही डेरे में सो रही थी। जानकी मलवे आने के बाद डेरे से बाहर सकुशल निकल आई थी जबकि बच्चे मलबे में दबे रह गए थे।

Share

You cannot copy content of this page