घिमतोली में ग्राफिक इरा विवि ने किया अनुसंधान केंद्र स्थापित

(रिपोर्ट : कुलदीप राणा आजाद/रूद्रप्रयाग) बांज, बुरांश, देवदार और खरसू के सघन वन क्षेत्र से घिरे पर्यटक स्थल घिमतोली से रुद्रप्रयाग सहित पहाड़ के पर्यावरण, जलवायु के बारे में अब सटीक जानकारी मिल सकेगी। यहां ग्राफिक इरा विश्वविद्यालय देहरादून ने अपना अनुसंधान केंद्र स्थापित किया है। इस केंद्र से पहाड़, प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण व संवधर्न के लिए अनुसंधान कर विकास के लिए योजना बनाई जाएगी। साथ ही देश व विदेश के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की मदद से ग्राम स्तर पर बच्चों को विज्ञान से जोड़ा जाएगा। जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से लगभग 35 किमी की दूरी पर स्थित घिमतोली को प्रकृति ने अपनी नेमतों से नवाजा है। यहां की भौगोलिक वनावट पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। अब, यह स्थान रुद्रप्रयाग सहित पहाड़ के विकास की धूरी बन रहा है। यहां, ग्राफिक इरा विवि ने सेंटर फॉर सस्टेनेबल इकोलॉजी एंड बायोडायवर्सिटी रिसर्च की स्थापना की है। इस सेंटर की जिम्मेदारी वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. वीरेंद्र प्रसाद उनियाल को सौंपी गई है। डा. उनियाल के मार्गदर्शन में ग्राफिक इरा विवि के शोधकर्ता विशेषकों की मौजूदगी में शोधार्थी जलवायु परिवर्तन, मौसम चक्र में बदलाव, पर्यावरण को लेकर शोध करेंगे और रिपोर्ट के आधार पर पहाड़ के विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्राम स्तर पर योजनाएं बनाई जाएंगी। यही नहीं, इस केंद्र से गांवों में दुर्लभ जड़ी-बूटी के संरक्षण व सूखते प्राकृतिक जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए भी वैज्ञानिक व पारंपरिक तकनीक से काम किया जाएगा।

बाईट : डॉ . बीरेंद्र प्रसाद उनियाल, निदेशक सेंटर फॉर सस्टेनेबल इकोलॉजी एंड बायोडायवर्सिटी रिसर्च, घिमतोली,
फाइनल : सेंटर फॉर सस्टेनेबल इकौलोजी एंड बायोडायवर्सिटी रिसर्च से पहाड़ में कृषि और उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए काम किया जाएगा। इस अनुसंधान केंद्र से गांव के स्कूली बच्चों को जोड़ा जाएगा, जिन्हें देश-विदेश के विषय विशेषज्ञ ग्राम स्तर पर विज्ञान की महत्ता से अवगत कराएंगे। साथ ही यह केंद्र ग्रामीणों को स्थानीय प्राकृतिक उत्पादों के माध्यम से रोजगार से जोड़ने के गुर भी सिखाएगा। इस अनुसंधान केंद्र में शोधकर्ता पहाड़ के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेंगे और ग्राम स्तर से राज्य स्तर के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार करेंगे। डॉ . बीरेंद्र प्रसाद उनियाल, निदेशक सेंटर फॉर सस्टेनेबल इकोलॉजी एंड बायोडायवर्सिटी रिसर्च, घिमतोली, रुद्रप्रयाग ग्राफिक इरा विवि, देहरादून का कहना है कि घिमतोली में अनुसंधान केंद्र स्थापना का मुख्य उद्देश्य पहाड़ के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी अर्जित कर सुरक्षित भविष्य के लिए योजनाएं तैयार करना है। मौसम चक्र में बदलाव से प्रकृति में प्रतिवर्ष परिवर्तन हो रहा है, जो किसी भी स्तर पर शुभ नहीं है। इन्हीं विषयों को लेकर शोधकर्ता देश-विदेश के विशेषज्ञों की मौजूदगी में यहां शोध कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। इन्हीं रिपोर्टों के आधार पर स्थानीय सहित पहाड़ में आमजन के विकास को लेकर कार्ययोजनाएं तैयार कर शासन को सौंपी जाएंगी।

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