लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा दी गई मंजूरी।
लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा दी गई मंजूरी।
केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज़/देहरादून
- मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री व केन्द्र सरकार का जताया आभार।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लखवाङ बहुद्देशीय परियोजना की स्वीकृति दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय महत्व की परियोजना जल्द पूरी होगी। वर्षों से लम्बित परियोजना पर प्रधानमंत्री जी की इच्छा शक्ति से राष्ट्र हित में निर्णय लिया गया है। 90 प्रतिशत केन्द्रीय वित्त पोषण की इस परियोजना से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान राज्य लाभान्वित होंगे। इससे इन राज्यों को जलापूर्ति होगी। परियोजना के जल घटक का लाभ 6 राज्यों को मिलेगा तथा विद्युत घटक का लाभ उत्तराखंड को मिलेगा। जलघटक का 90 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान सहायता के रूप में दिया जाएगा।
उत्तराखण्ड के विपुल जलसंसाधन का उपयोग राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में किया जा रहा है। लखवाड़ परियोजना आरंभ होने पर उत्तराखण्ड ऊर्जा राज्य बनने की दिशा में एक और छलांग लगाने जा रहा है, जिसमें राज्य ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के साथ ही देश के अन्य पांच राज्यों को जल आपूर्ति कर सकेगा।
लखवाड परियोजना के जलाशय मे 330 एमसीएम संचित जल से दिल्ली ,हिमाचल प्रदेश उत्तरप्रदेश, हरियाणा और राजस्थान को सिंचाई एवं पीने के पानी की जलापूर्ति होगी तथा यमुना जी के पुनरुद्धिकरण की दिशा में प्रगति होगी। लखवाड़ बांध में संचित जल से वर्तमान पूर्वी एवं पश्चिमी यमुना नहर के नेटवर्क से लगभग 34 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि की सिंचाई होगी।
परियोजना पर लगभग 5747 करोड़ का व्यय होगा। जिसमे जलघटक लगभग 4673 करोड़ तथा ऊर्जा घटक लगभग 1074 करोड़ है।
- 204 मीटर ऊँचा कोंक्रीट ग्रेविटी बांध
- 3×100 मैगावाट क्षमता का भूमिगत विद्युत् गृह
- कटापत्थर ग्राम के समीप बैराज
लखवाड़ परियोजना से 475 मिलियन यूनिट का उत्पादन होगा। इसके अतिरिक्त लखवाड़ बांध में संचित जल की नियमित निकासी से व्यासी, ढकरानी, ढालीपुर एवं कुल्हाल विद्युत गृहों से लगभग 115 मिलियन यूनिट का अतिरिक्त वार्षिक विद्युत उत्पादन भी प्राप्त होगा।