पुलिस चौकी प्रभारी ने दुर्गाधार चौकी क्षेत्र के इंटर कॉलेज में चलायी पुलिस की पाठशाला

(संगीता “सपना” बुटोला) केदारखंड एक्सप्रेस न्यूज़।

पुलिस का कार्य अपराधों की रोकथाम व अपराध होने की दशा में प्रभावी जांच विवेचना कर अपराध का अनावरण करना होता है। कुछ अपराध ऐसे होते हैं भले ही उससे शारीरिक नुकसान न भी हो परन्तु आर्थिक नुकसान और मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ता है। ऐसा ही अपराध है, साइबर अपराध जिससे कि हर कोई किसी न किसी कारण से परेशान जरूर है।

लोग इस प्रकार के अपराधों से सुरक्षित रहें, इसके लिए पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने सभी प्रभारियों को आम जनमानस व स्कूलों में जाकर जागरुक किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्राप्त निर्देशों के क्रम मे आज दिनांक 19.09.2023 को चौकी प्रभारी दुर्गाधार योगेश कुमार द्वारा राजकीय इंटर कॉलेज मयकोटी जाकर छात्र छात्राओं को साइबर अपराध, उत्तराखण्ड पुलिस एप (गौरा शक्ति मॉड्यूल), यातायात नियम, नशे के दुष्प्रभाव, नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन न चलाया जाना व बच्चों को उचित शिक्षा से सम्बन्धित विषयों पर जानकारी दी गयी।

साइबर अपराध के बारे में विस्तार से बताते हुए जानकारी दी गयी यह ऐसा अपराध है कि आप से बहुत दूर रहने वाला व्यक्ति भी बैठे बिठाये भारी भरकम आर्थिक नुकसान दे सकता है। इस प्रकार के अपराध से बचने हेतु सतर्कता और जागरुकता का होना अत्यन्त आवश्यक है। सतर्कता यह कि कोई भी अन्जान व्यक्ति हमें अपने जाल में न फांस ले और जागरुकता यह कि हम अपनी निजी जानकारी किसी से भी साझा न करें। विशेषकर लॉटरी लगने, पैसा डबल होने, कम दामों में कीमती सामान मिलने जैसे लुभावने ऑफरों से बचने की जानकारी दी गयी।

अपने एटीएम कार्ड की जानकारी, पीछे लिखे तीन अंकीय कोड या एटीएम का गुप्त कोड किसी को नहीं बताना है। उत्तराखण्ड पुलिस एप के विभिन्न फीचरों व गौरा शक्ति मॉड्यूल की जानकारी दी गयी तथा सभी बच्चों को इस एप को अपने या घर वालों के फोन में इंस्टाल करने के बारे में बताया गया। नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि इसकी लत इन्सान को मजबूर बना देती है, नशे में लिप्त व्यक्ति विभिन्न अपराधों में शामिल हो जाता है,

वह अपना शारीरिक संतुलन एवं मानसिक चैतन्य खो बैठता है, इससे न केवल नशे से ग्रसित व्यक्ति बल्कि उसका परिवार भी परेशानी में आ जाता है। उपस्थित छात्र-छात्राओं को यातायात के नियमों का पालन करने की जानकारी देते हुए बताया गया कि हमेशा वाहन का संचालन कम गति में होना चाहिए, विशेषकर पहाड़ी मार्गों पर तो न जाने कहां पर मोड़ आ जाये, यदि वाहन की गति कम रहेगी तो वाहन नियंत्रित भी हो सकेगा। नाबालिग बच्चों के स्तर से वाहन संचालन नहीं किये जाने की जानकारी दी गयी।

बच्चों को पढ़ाई का ज्यादा बोझ न मानकर फिजिकल और मेंटल डाइट के बारे में जानकारी दी गयी। पढ़ाई के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने, विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने, आपके पास जो कोई भी हुनर है, उसमें रुचि के साथ आगे बढ़ने की जानकारी दी गयी। इस अवसर पर साइबर क्राइम हैल्पलाइन नम्बर, आपातकालीन हैल्पलाइन नम्बर डायल 112 को अपनी नोट बुक में लिखने व जरूरत पड़ने पर उपयोग करने हेतु बताया गया।

पुलिस के स्तर से चलाये गये जागरुकता कार्यक्रम का विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक गणों ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार प्रकट किया गया।

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