पौड़ी के जंगलों में, चमोली की महिला की, रूद्रप्रयाग की प्रेरणा ने करवाई सुरक्षित डिलीवरी

0

पौड़ी के जंगलों में, चमोली की महिला की, रूद्रप्रयाग की प्रेरणा ने करवाई सुरक्षित डिलीवरी


पौड़ी के जंगलों में, चमोली की महिला की, रूद्रप्रयाग की प्रेरणा ने करवाई सुरक्षित डिलीवरी

भूपेन्द्र भण्डारी/केदारखण्ड एक्सप्रेसन्यूज

रूद्रप्रयाग। जिंदगी में कभी-कभी अजीब किस्म की परिस्थितियों से रूबरू होना पढ़ता है। अब चमोली जनपद के विकासखण्ड नागनाथ पोखरी के जौरासी गाँव की राखी देवी पत्नी रंजीत को ही ले लिजिए। दो-दो बड़े अस्पतालों से रेफर होने के बाद भी जंगल में सुरक्षित डिलीवरी होना अपने आप में हैराने करने वाला वाक्या तो है ही लेकिन यह करिश्म कैसे हुआ उसे भी आपको बताते हैं लेकिन पहले राखी देवी को किस किस दौर से गुजरना पड़ा उसे आपको बताते हैं। 

दरअसल पोखरी के जौरासी गाँव की राखी देवी को बीते 7 अगस्त को सुबह प्रसव पीड़ा आरम्भ हुई जिसके बाद परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पोखरी ले आए। यहाँ डॉक्टरों ने बताया कि महिला में हीमोग्लोबिन की कमी होने कारण महिला की डिलवरी करवाना खतरे से खाली नहीं है इसलिए उन्होंने  महिला को रूद्रप्रयाग के लिए रेफर कर दिया। 108 के माध्यम से महिला को रूद्रप्रयाग पहुँचाया गया। हालांकि रूद्रप्रयाग में ब्लड़ बैंक है, अत्याधुनिक सुविधायें यहां मौजूद हैं कुशल डॉक्टर यहां तैनात हैं किन्तु रूद्रप्रयाग के डॉक्टरों ने भी ब्लड़ उपलब्ध न होने का हवाला देते हुए राखी देवी को श्रीनगर के लिए रेफर कर दिया। 

राजमार्ग बंद होने से और बढ़ी राखी देवी की मुश्किलें

बरसात का मौसम वैसे भी पहाड़ के लिए हमेशा से अभिशाप रहा है। ऊपर से ऑलवेदर निर्माण ने हाईवे को मौत का हाईवे बनाया हुआ है। यहां अगले कदम पर कब क्या हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता है। रूद्रप्रयाग जिला अस्पताल से जब 108 की मदद से राखी देवी को श्रीनगर रेफर किया तो राष्ट्रीय राजमार्ग श्रीनगर से पहले कई स्थानों पर बंद था। दूसरी तरफ राखी देवी प्रसव वेदना से कराह रही थी। ऐसे में मामले की गम्भीरता को देखते हुए 108 में तैनात ईएमडी प्रेरणा (फार्मेसिस्ट) ने वैकल्पिक मार्ग खांकरा-खेड़ाखाल-डुंगरीपंत से जाने का निश्चिय किया। 108 चालक मनोज रावत ने भी तत्काल वाहन को बड़े सूझबूझ के साथ दूसरे रास्ते की तरफ आगे बढ़ा दिया। उधर प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला राखी देवी की स्थिति गुजरते वक्त के साथ गम्भीर होती जा रही थी। 

राखी देवी की लिए प्रेरणा बनी भगवान

जिस वैकल्पिक मार्ग से राखी देवी को ले जाया जा रहा था वह काफी उबाड़खाबड है ऐसे में प्रसव वाली महिलाओं के लिए यह और भी खतरनाक होता है किन्तु मजबूरी क्या ना करवाये। हिचकोलाखाते आगे बढ़ रहे तो राखी देवी दर्द से कराहती। जब असहनीय दर्द हुआ तो पौड़ी की सीमा पर खर्सू से पहले पोखरी-चौराकंडी के बीच सुनसान जंगल के बीच ईएमडी प्रेरणा ने 108 रूकवाकर बड़े धैर्य और कार्यकुशलता का परिचय देते हुए अल्प संसाधनों में महिला राखी देवी का सुरक्षित प्रसव करवा दिया। राखी देवी के साथ अगस्त्यमुनि ब्लॉक प्रमुख भी थी जो इस पूरी कहानी की गवाह बनी। उन्होंने ईएमडी प्रेरणा को धन्यवाद दिया। और कहा दो-दो अस्पतालों के कुशल डॉक्टर जो कार्य नहीं कर पाये उन्होंने ऐसी विषम परिस्थियों में इतनी सूझबूझ के साथ यह कार्य सफलता पूर्वक किया। प्रेरणा पुत्री वीरेंन्द्र सिंह मूल रूप से अगस्त्यमुनि के बनियाड़ी गांव की रहने वाले हैं और वह पिछले 9 माह से रूद्रप्रयाग में 108 आपातकालीन सेवा पर तैनात हैं। इससे पहले वे गुप्तकाशी में तैनात थी। 

प्रसव पीड़ा से मुक्त होने के बाद राखी देवी के चेहरे पर एक सकून था, और उसके मुँह में प्रेरणा को धन्यवाद देने के लिए कोई शब्द नहीं आ रहे थे। लेकिन उनके चेहरे और आँखों से पढ़ा जा सकता था कि वह प्रेरणा का उसके जीवन पर जीवन भर के लिए एक ऐसा उपकार कर दिया है जिसे आजन्म नहीं चुकाया जा सकता है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share

You cannot copy content of this page