पर्यटन विभाग की ई-टेंडरिंग प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, गलत प्रक्रिया पर नगर पंचायत अगस्त्यमुनि गई थी कोर्ट
पर्यटन विभाग की ई-टेंडरिंग प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, गलत प्रक्रिया पर नगर पंचायत अगस्त्यमुनि गई थी कोर्ट
डैस्क : केदारखंड एक्सप्रेस न्यूज़
रूद्रप्रयाग। जनपद रूद्रप्रयाग में नगर पालिका, नगर पंचायत और जिला पंचायत की भूमि पर प्रसाद योजना के अन्तर्गत बनी पार्किंगों को पर्यटक विभाग द्वारा संबंधित नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों और जिला पंचायतों को हैंड ओवर करने की बजाय खुद ही ई निविदाएं आमंत्रित की गई। हालांकि जिले की किसी भी नगरपालिका, पंचायत और जिला पंचायतों द्वारा इस संबंध में कोई एक्शन नहीं लिया गया लेकिन अगस्तमुनि नगर पंचायत के अध्यक्ष अरुणा बेंजवाल द्वारा सजगता दिखाते हुए हाई कोर्ट मैं इसके खिलाफ याचिका दायर की गई जिसकी सुनवाई करते हुए आज नैनीताल हाईकोर्ट ने इन सभी पार्किंग की ई निविदा पर फिलहाल रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय नैनीताल में उक्त ई टेंडर की प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के अधिशासी अधिकारी हरेंद्र चौहान को 17 अगस्त को नैनीताल भेजा गया था । जिस पर अधिशासी अधिकारी द्वारा नगरपंचायत अगस्त्यमुनि की ओर से पैरवी करने के लिये अधिवक्ता जयवर्द्धन कांडपाल को नियुक्त करते हुई 18 अगस्त को टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगवाने के लिए याचिका दायर की गयी । जिस पर आज माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में अधिवक्ता जयवर्द्धन कांडपाल ने जोरदार ढंग से अपनी बात रखते हुये न्यायालय द्वारा ई टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाने आग्रह किया।
उच्च न्यायालय नैनीताल ने भी प्रथम दृष्टया पर्यटन विभाग की ई टेंडर प्रक्रिया को गलत माना है। माननीय न्यायालय में उत्तराखंड सरकार के व पर्यटन बिभाग के साथ भारत सरकार के अधिवक्ताओं से जिरह करते नगरपंचायत के अधिवक्ता जयवर्द्धन कांडपाल ने अपना पक्ष रखा।
आपको बताते चले अगस्त्यमुनि में निर्मित पार्किंग को पर्यटन विभाग द्वारा भारत सरकार की प्रसाद योजना के तहत निर्माण निगम द्वारा बनाया गया, जिसको बनाये हुये लगभग 2 बर्ष पूरे होने जा रहे हैं। अभी तक पार्किंग को नगरपंचायत को हस्तांतरण नही किया गया और ई टेंडर के माध्यम से पर्यटन विभाग खुद पार्किंग का संचालन करना चाहता है। जिसकी प्रक्रिया पर्यटन विभाग उत्तराखंड द्वारा की गई है। इस संबंध में नगर पंचायत अध्यक्ष अरूणा बेंजवाल ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज व सचिव पर्यटन दलीप जावलकर से भी बात की गई थी जिस पर उन्होंने पूर्ण आश्वासन दिया था कि ऐसा होने नही दिया जाएगा । क्योंकि ऐसा होने से नगरपंचायत की आय व स्थानीय बेरोजगारो का रोजगार व नगरपंचायत की काफी भूमि का सीधा नुकसान नगर पंचायत को हो रहा है।
नगर पालिका, नगर पंचायत और जिला पंचायत को हो रहा था बडा़ नुकसान
दरअसल केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के अंतर्गत पूरे उत्तराखंड में केवल रुद्रप्रयाग जिले में पार्किंगों का निर्माण किया गया था। इसमें नगर पालिका रुद्रप्रयाग, नगर पंचायत तिलवाड़ा, नगर पंचायत अगस्त्यमुनि, नगर पंचायत उखीमठ,के साथ ही जिला पंचायत की भूमि गुप्तकाशी और सोनप्रयाग में इनका निर्माण किया गया। नियमों के तहत नगरपालिका पंचायत और जिला पंचायत की भूमि पर प्रसाद योजना के अंतर्गत बनी इन पार्किंग के निर्माण के बाद इन्हें संबंधित निकायों को पर्यटन विभाग द्वारा हैंड ओवर किया जाना था लेकिन निर्माण के 2 साल बाद भी इन्हें हस्तांतरण नहीं किया गया।
दूसरी तरफ पर्यटन विभाग द्वारा खुद ही इन पार्किंग के संचालन के लिए ई-निविदाएं आमंत्रित कर दी गई । ऐसे में जहां नगर पंचायत नगर पालिका व जिला पंचायत की आय को बड़ा नुकसान होना तय था वहीं इनकी भूमि भी बिना हस्तांतरण के पर्यटन विभाग के कब्जे में जानी थी। बावजूद न तो रुद्रप्रयाग नगर पालिका ने इसके खिलाफ कोई आवाज उठाई अन्य अन्य पंचायतों और जिला पंचायत द्वारा केवल अगस्त्यमुनि नगर पंचायत की अध्यक्ष अरुणा बेंजवाल ने इसकी खिलाफत की और वह इसके खिलाफ हाईकोर्ट चले गए अलबत्ता उच्च न्यायालय ने फिलहाल पर्यटन विभाग की ईटेंडरिंग पर रोक लगा दी है कोर्ट ने 3 सप्ताह उत्तराखंड सरकार और पर्यटन विभाग को दिया है कि वे अपना पक्ष रखें।