देखिए उत्तराखण्ड की शुष्क मौसम संबंधी स्थिति

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 देखिए  उत्तराखण्ड की शुष्क मौसम संबंधी स्थिति


केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज़

देहरादून

वर्तमान मौसम विज्ञान विश्लेषण:

24 मार्च से 2 अप्रैल 2022 तक निचले और मध्य क्षोभमंडल स्तरों में  इन मौसम संबंधी स्थितियों का प्रभाव अधिकांश क्षेत्रों में शुष्क मौसम के प्रबल होने की संभावना है .

उत्तराखंड  में  वर्षा गतिविधियाँ: 

 पहाड़ी इलाकों में छिटपुट स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश/ गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है । 

 सलाह:

शुष्क मौसम की स्थिति और वायुमंडलीय स्थिरता के प्रसार के कारण और 27 मार्च से अधिकतम तापमान में वृद्धि संभव है।  मध्य में जंगल की आग की शुरुआत हो सकती है ।राज्य सरकार के अधिकारियों को सलाह दी गई  है कि ईंधन भार को सीमित करने के लिए फायरब्रेक स्थापित करें ।

पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतम तापमान में वृद्धि की आशंका है तथा बर्फ का पिघलना और इस तरह हिमस्खलन के लिए परिस्थितियों को अनुकूल बनाना संभव है । 

उत्तरकाशी, चमोली के ऊंचे इलाकों (3500 मीटर से ऊपर) में अलग-अलग स्थान,

 27 मार्च के बाद रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले मे राज्य  सरकारी अधिकारियों को आवश्यक निवारक उपाय करने की सलाह दी गई है। इस दौरान उत्तराखंड के कई जिलों में शुष्क मौसम की स्थिति के कारण मार्च माह, अधिकतम और न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है । मार्च 2022 के मध्य से कई स्थानों पर सामान्य से 4-7 डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुंच गया।


वर्षा के आंकड़े 

 (1991-2022) वर्षा के आंकड़े यह देखा गया है कि मार्च में वर्षा शून्य थी (-100% 2004 में लंबी अवधि के औसत से प्रस्थान), 1994 में 1 मिमी (-98%) और 2 मिमी (-96%) 2009 में। इस साल यह अब तक 2 मिमी (-96%) है।  अधिकतम तापमान में मुक्तेश्वर वेधशाला में मार्च का महीना 20 मार्च को 28.5°C रिकॉर्ड किया गया 2004, देहरादून वेधशाला में 28 मार्च 1892 को 37.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और 30 मार्च 2017 को पंतनगर वेधशाला 36.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई।

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