कलश लोक संस्कृति चैरिटेबिल ट्रस्ट रुद्रप्रयाग
कलश लोक संस्कृति चैरिटेबिल ट्रस्ट रुद्रप्रयाग
कलश ट्रस्ट की दसवीं वर्षगांठ पर आज अगस्त्यमुनि श्री गणपत पैलेस में कलश संस्था की चौथी स्मारिका कलश का लोकार्पण किया गया।कलश की पहली स्मारिका के संयोजक समाज सेवी सुन्दर सिंह भण्डारी थे और संपादक साहित्यकार अरविन्द नौटियाल थे।उसके बाद दूसरी तीसरी और चौथी स्मारिका के संयोजक पसालत लम्ब गौंडी निवासी डाॅ.मनीष सेमवाल हैं जो वर्तमान में जकार्ता इण्डोनेशिया में भूगोल के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और आजकल गाँव आये हैं।कोरोना कहर के कारण लगभग 2 वर्ष से लम्बित इस स्मारिका का संदेश तत्कालीन जिला अधिकारी रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल (वर्तमान पी एम ओ नई दिल्ली)द्वारा गढ़वाली भाषा में लिखा गया है।स्मारिका के मुख्य संपादक दीपक बेंजवाल हैं, संपादक मण्डल में जिले के कई वरिष्ठ साहित्यकार हैं स्मारिका में वरिष्ठ साहित्यकारों से लेकर कई नवोदित कवियों की कविताएं हैं।पूरी ही स्मारिका मातृभाषा आंदोलन के लिए समर्पित है और गढ़वाली कुमाऊंनी भाषा में है
इस अवसर पर स्मारिका के संयोजक डाॅ. मनीष सेमवाल का अतिथियों द्वारा नागरिक अभिनंदन भी किया गया
दीपक बेंजवाल मुख्य संपादक का भी सम्मान किया गया
कार्यक्रम संयोजक- ओम प्रकाश सेमवाल
सह संयोजक और संचालक- कुसुम भट्ट (कलश केदार घाटी संयोजक)
अतिथि गण- अरुणा बेंजवाल,संजय दरमोड़ा, चन्द्रशेखर पुरोहित, मुरली दीवान, डाॅ. मनीष सेमवाल, आशीष डंगवाल,चन्द्रशेखर बेंजवाल।
कार्यक्रम अध्यक्ष- प्रेम मोहन डोभाल
स्वागत संबोधन- सुधीर बर्त्वाल
बाल कवि सम्मेलन
सिमरन रावत- दनका दनकि छै सबुतैं लगीं
प्रियंक रावत– भाषा बचौण बोलि बचौण
वेदिका सेमवाल- भैजि कु ब्यो
उपस्थिति- जगदम्बा चमोला, जसपाल भारती , विमला राणा, अरुणा चौकियाल कालिका काण्डपाल,हेमंत चौकियाल, मनीष सेमवाल,विपिन सेमवाल,हरीष गुसाईं,विकास सेमवाल, सुरेन्द्र दत्त नौटियाल,माधुरी नेगी,विकास सेमवाल,मुकेश तिवारी।अश्विनी गौड़ ,मोनिका सिलोड़ी।