एक्सक्लूसिव: डॉ बोहरा फिर साबित हुए देवदूत, महिला के पेट से निकाला 19 किलो का ट्यूमर
एक्सक्लूसिव: डॉ बोहरा फिर साबित हुए देवदूत, महिला के पेट से निकाला 19 किलो का ट्यूमर
-कुलदीप राणा ‘आजाद’/केदारखण्ड एक्सप्रेस
रूद्रप्रयाग। उपर तस्वीरों में दिख रहा गोला कोई फुटबॉल नहीं है और ना ही कोई हार्थों से उकेरेगी गई कोई तस्वीर है, यह एक महिला के पेट से निकाला गया 19 किलो ग्राम का ट्यूमर है, महिला अब स्वस्थ है। आप भले ही हैरान हो रहे होंगे लेकिन इस ट्यूमर को निकालने वाले डॉ0 आनंद बोहरा के लिए यह कोई नई बात नहीं है बल्कि उन्होंने अपने कैरियर में इसी तरह के सफल ऑपरेशन किए हैं।
दरअसल 5 अगस्त को रूद्रप्रयाग जनपद के चौंरिया भरदार के ग्राम सभा माथगांव निवासी कमला देवी पत्नी चैत सिंह (51वर्ष) बोहरा नर्सिंग होम रूद्रप्रयाग में भर्ती हुई थी। महिला को भारी पेट दर्द के कारण स्थिति इतनी विकट हो चली थी कि रोगी जीवन और मराणासन स्थिति में पहुँच चुकी थी। उसी दिन सांय को महिला का ऑपरेशन डॉक्टर आनंद बोहरा द्वारा किया गया। यह ऑपरेशन इतना आसान नहीं था, क्योंकि महिला के पेट में करीब 19 किग्रा का ओवेरियन ट्यूमर था। लेकिन डॉ0 बोहरा की कार्यकुशलता का ही परिणाम था कि उन्होंने इस ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम तक पहुँचाया। महिला के पेट से जब 19 किग्रा का ट्यूमर निकला तो सब हैरान रह गए, अब महिला कि स्थिति सामान्य बताई जा रही है।
इससे पूर्व कमला देवी रूद्रप्रयाग जिला अस्पताल से लेकर श्रीनगर, ऋषिकेश और देहरादून के कई अस्पतालों के चक्कर लगा चुकी थी, लेकिन कई भी महिला का उपचार नहीं हो पा रहा था। अंत में थकहार कर महिला जब डॉ0 बोहरा के पास आई तो डॉ0 बोहरा ने मामले की गम्भीरता को भांपते हुए उसी दिन महिला का ऑपरेशन किया और महिला का सफल ऑपरेशन कर उन्हें नई जिंदगी प्रदान की। भले हमें और आपको 19 किग्रा ट्यूमर को पेट से बाहर निकलने का इस सफल ऑपरेशन से हैरानी हो रही है लेकिन यकीन मानिए डॉ बोहरा के लिए इस तरह के केश सामान्य सी बात हो गई है। इससे पहले सैकड़ों लोगों को इसी तरह वह मौत के मुंह से बचा चुके हैं। रूद्रप्रयाग में पिछले साढ़े तीन दशकों से बोहरा नर्सिंग होम के नाम से डॉ आनंद बोहरा द्वारा संचालित किया जा रहा अस्पताल रूद्रप्रयाग चमोली के साथ ही कई अन्य जनपदों के मरीजों के किसी वरदान से कम नहीं है।
जिला पंचायत सदस्य भारत भूषण भट्ट ने कहा कि डॉ बोहरा रूद्रप्रयाग जनपदवासियों के लिए भगवान से कम नहीं है। मुश्किल की खड़ में जब कोई नहीं होता है डॉ0 बोहरा देवदूत बनकर खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कमला देवी का ही नहीं बल्कि डॉ बोहरा द्वारा कोराना काल में ढौंडा गावं के जनार्दन प्रसाद का भी इसी तरह का सफल ऑपरेशन किया गया। जबकि कोरोना काल में सरकारी डॉक्टरों की भूमिका तो सराहनीय रही है लेकिन उस विकट समय में अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं थे, ओपीड़ी बंद थी, लोगों को दवाईयां नहीं मिल रही थी ऐसे विकट समय में डॉ0 बोहरा ने शानदार कार्य करते हुए लोगों को समय पर दवाईयां उपलब्ध करवाई, अमरजेंसी में मरीजों का उपचार किया। उन्होंने डॉ. बोहरा का धन्यवाद करते हुए कहा कि आप वाकई में भगवान हो।