जखोली का वोट बैंक सबसे महत्वपूर्ण, निर्दलीय प्रत्याशी और यूकेडी का जनाधार भी तय करेगा जीत की स्थिति
जखोली का वोट बैंक सबसे महत्वपूर्ण, निर्दलीय प्रत्याशी और यूकेडी का जनाधार भी तय करेगा जीत की स्थिति
रुद्रप्रयाग विधानसभा मै 1 लाख तीन हजार मतदाता है जिसमें सर्वाधिक 68 हजार जखोली विकास खण्ड से हैं, ऐसे में जखोली विकासखण्ड के मतदाता ही रुद्रप्रयाग विधानसभा सीट पर हार्दिक का निर्णय करते हैं। जबकि इस बार यूकेडी के युवा नेता मोहित डिमरी और निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कण्डारी का वोट बैंक भी बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
जिले की रुद्रप्रयाग विस में मतदान की तिथि नजदीक आते ही प्रत्याशियों की सांसे तेज हो गयी हैं। यहां बीजेपी – कांग्रेस में टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है। जबकि निर्दलीय प्रत्याशी मातबर कण्डारी और युकेडी से मोहित डिमरी का वोटबैंक भी बढ़ता जा रहा है। एसे में कौन प्रत्याशी आगे निकलता है, यह देखने वाली बात होगी।
चुनावी प्रचार के लिए करीब 40 घंटे से भी कम शेष रह गए हैं। एसे में प्रत्याशी अनेक चुनावी हथकंडे अपना रही है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप थपलियाल अपने और पार्टी कार्यकर्ताओं सहित समर्थकों के बलबूते पर जनता के बीच पैठ बनाने का कार्य कर रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी स्वयं की उपलब्धियों और कांग्रेस घोषणापत्र को लेकर ही जनता के मध्य पहुंच रहे हैं। जिसके चलते लोगों में प्रत्याशी के प्रति विश्वास देखने को मिल रहा है। जबकि इस बार बीजेपी के गढ़ में भी कांग्रेस घर करने की कोशिश में जुटी है। इसके अलावा कई भाजपा समर्थित लोग जनप्रतिनिधियों से नाराज होने के चलते अन्य दलों को सपोर्ट कर रहे हैं। जिससे कांग्रेस को भी मुनाफा हो सकता है। बीते वीरवार को पीएम ने श्रीनगर में चुनावी जनसभा को संबोधित कर बीजेपी के लिए समर्थन मांगा। किन्तु इस बार बड़े नेताओं के आने से खास प्रभाव नहीं बन पा रहा है। जबकि बीजेपी प्रत्याशी अपनी उपलब्धियां गिनाने के बजाय केंद्रीय नेताओं को आगे कर रही है। हालांकि बीजेपी सिटिंग विधायक जनता के बीच लगातार संवाद स्थापित करने के प्रयास में जुटे हैं। इसके साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी मातबर सिंह कण्डारी को भी भारी जनमत मिलने के आसार हैं। वे पुराने समर्थकों और विशेष समाज को साथ लेकर इन दिनों चुनावी मैदान में लगातार जनसमर्थन एकत्रित करने में लगे हैं। इसके अलावा यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी लगातार अपने क्षेत्र में सक्रीय बने हुए हैं। उन्हें भी युवाओं और मातृ शक्ति का काफी समर्थन मिल रहा है। यदि यूकेडी के प्रति जनता का मन बदलता है तो वे भी चुनावी दौड़ में बेहतर जनमत प्राप्त कर सफलता पा सकते हैं।