चारधाम की राह पर बढ़ता आत्मनिर्भरता का कारवां: ग्रामीण महिलाएं बनीं उद्यमिता की मिसाल

उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जनपद, जो चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ावों में से एक है, आज महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक आत्मनिर्भरता का एक प्रेरणास्पद उदाहरण बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही ग्रामोत्थान परियोजना के तहत, यहां की महिलाएं अब केवल घर तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि स्वरोजगार और उद्यमिता की राह पर मजबूती से कदम बढ़ा रही हैं।
   रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि विकासखंड में संचालित चंदन गनग आजीविका स्वायत सहकारिता के अंतर्गत गठित ईष्ट घड़ियाल उत्पादक समूह ने इस दिशा में एक नई शुरुआत की है। इस समूह से जुड़ी महिलाओं ने सामूहिक प्रयासों से कंप्यूटराइज्ड मशीनों की सहायता से चारधाम यात्रा से संबंधित सुंदर सुविनियर आइटम्स (जैसे केदारनाथ और बद्रीनाथ की प्रतिकृतियाँ) का निर्माण शुरू किया है।जिन्हें यात्रा पर आए तीर्थ यात्री  काफी पसंद कर रहे है इसी का परिणाम है की अभी तक   इन महिलाओं द्वारा बनाये गए सुविनियर आइटम्स की ऑनलाइन ओर आफलाइन बिक्री के माध्यम से 8 लाख की आमदनी प्राप्त हुई है। इनकी गुणवत्ता और भावनात्मक जुड़ाव को देखते हुए, इन उत्पादों की माँग लगातार बढ़ रही है। महिलाएं न केवल स्थानीय बाजार में इन्हें बेच रही हैं, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से देशभर में इनकी बिक्री कर रही हैं।
समूह से जुड़ी श्रीमती सोनी देवी ने बताया कि इस वर्ष की यात्रा सीजन में समूह द्वारा  सुविनियर आइटम्स की बिक्री से 8 लाख रुपये से अधिक की आमदनी अर्जित की है। यह न केवल आर्थिक रूप से एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम भी है। इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि यदि सही मार्गदर्शन, संसाधन और अवसर मिलें, तो ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं भी बड़े आर्थिक बदलाव ला सकती हैं। यह मॉडल न केवल रुद्रप्रयाग के लिए बल्कि पूरे उत्तराखंड और देशभर के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।

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