कोविड में जान को जोखिम में डालकर टीकाकरण करने वाली ए एन एम कर्मियों का स्वास्थ्य विभाग कर रहा भारी शोषण

0

कोविड में जान को जोखिम में डालकर  टीकाकरण करने वाली ए एन एम कर्मियों का स्वास्थ्य विभाग कर रहा भारी शोषण

डैस्क : केदारखण्ड एक्सप्रेस न्यूज़

रूद्रप्रयाग। जनपद मुख्यालय के कलेक्ट्रेट परिसर में कोविड-19 के दौरान जान जोखिम में डालकर  वैक्सीनेशन करने वाली ए एन एम कर्मियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आउट सोर्स कंपनी के माध्यम से नए एएनएम की तैनाती करने जा रहा है जबकि सेंटर  पहले ही इन्हें आवंटित हो रखे हैं। वहीं कोविड काल में दिन रात  सुदूरवर्ती गांव में कार्य किया लेकिन सात माह बीत जाने के बाद भी वेतन नहीं दिया गया जबकि किसी किसी को ही दो माह का वेतन मिला है। बावजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा बिना विज्ञप्ति प्रकाशित किए  आउट सोर्स कंपनी के माध्यम से अन्य एएनएम की भर्ती की जा रही है जिन का इंटरव्यू आगामी 16 नवंबर को होना है। ऐसे में पूर्व में तैनात एएनएम अब आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर चुके हैं। 

वैश्विक महामारी कोविड-19 के जानलेवा दौर में जब लोग एक दूसरे से दूरी बना रहे थे और अपने लोगों को ही अपने पास तक आने नहीं दे रहे थे। ऐसे दौर में जल्द से जल्द सभी लोगों का कोविड का  टीकाकरण  किया जाना स्वास्थ्य विभाग के सामने बड़ी चुनौती थी तब उपनल के जरिए एएनएम कार्मिकों की भर्ती की गई और उन्होंने करीब 7 माह की अल्प समय में ही पूरे जिले का वैक्सीनेशन कर दिया। लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग इन्हें बाहर करने की तैयारी कर रहा है जबकि आउटसोर्सिंग के जरिए इनकी जगह पर अन्य लोगों की तैनाती करने जा रहा है इसके लिए हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने कोई विज्ञप्ति प्रकाशित नहीं की है यह सब कार्य अंदर खाने हो रहा है लेकिन 16 नवंबर को स्वास्थ्य विभाग द्वारा 81 नए लोगों का इंटरव्यू लिया जाना है इसी को देखते हुए पूर्व में तैनात एएनएम कार्मिकों द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय में आंदोलन आरंभ कर दिया गया है उनका कहना है जब तक आउट सोर्स के माध्यम से की जा रही नई भर्ती पर रोक नहीं लग जाती है और पूर्व में तैनात उपनल कर्मियों को यथावत नहीं रखा जाता है वह अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी बताया स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें 7 माह से वेतन नहीं दी गई है जबकि 3000 की प्रोत्साहन राशि एवं ₹100 रोज खाने के पैसे दिए जाने की बात की गई थी  लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं दिया गया है। कुछ लोगों को केवल 2 माह का वेतन जरूर मिली है लेकिन ज्यादातर एएनएम को 7 माह का वेतन नहीं मिला है जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी पैदा हो गया है। जबकि अपने खर्चे पर रांसी गौडार जैसे   सुदूरवर्ती  इलाकों में  इन्हीं एएनएम कर्मियों द्वारा टीकाकरण किया गया है।  अपने सारा कामकाज और छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर धूप-बरसात में इन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी की। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनका भारी शोषण किया जा रहा है। कोविड में जान को जोखिम में डालकर टीकाकरण करने वाली ए एन एम कर्मियों का स्वास्थ्य विभाग भारी शोषण कर रहा है। 

स्वास्थ्य विभाग के इसी रवैए से खफा होकर अब ए एन एम द्वारा रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी कार्यालय में अपना आंदोलन शुरू कर दिया गया है और उनका साफ तौर पर कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो वह आंदोलन के साथ-साथ हाईकोर्ट का दरवाजा तक खटखटाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अब स्वास्थ्य विभाग की मनमानी किसी भी कीमत पर नहीं चलने दी जाएगी। इस मौके पर रेखा कांडपाल, इंदु गैरोला, विनीता नेगी, मीरा राणा, पुष्पा रावत, सुगंधा, विनीता, सोनिया, रश्मि, रंजना, असरूपी, राजेश्वरी, ललिता, नीलम, कांति देवी, आशा, आशा बुटोला, सोनम, नीलम, रेखा, मनीषा, दुर्गी, दीक्षा, प्रेरणा, विजया आदि उपस्थित थे। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

Share

You cannot copy content of this page